नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि बिहार में संशोधित नागरिकता कानून लागू नहीं होगा। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी संशोधित नागरिकता कानून को नकारने के लिए धन्यवाद भी कहा। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा कि “मैं संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को औपचारिक रूप से नकारने के लिए सभी के साथ कांग्रेस नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इस मामले में अपनी कोशिशों के लिए खास धन्यवाद के हकदार हैं। मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि बिहार में सीएए-एनआरसी लागू नहीं होगा।”.

गौरतलब है कि जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार लोकसभा और राज्यसभा में संशोधित नागरिकता बिल का समर्थन कर चुके हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर के ताजा ऐलान के बाद बिहार में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें कि प्रशांत किशोर एनआरसी और सीएए के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं और संशोधित नागरिकता कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब की सरकारें भी अपने राज्यों में संशोधित नागरिकता कानून नहीं लागू करने की बात कह चुकी हैं। इनके अलावा मध्य प्रदेश और झारखंड सरकार भी संशोधित नागरिकता कानून लागू करने से पीछे हट रही हैं। हालांकि जानकारों का कहना है कि प्रदेश सरकारें इस कानून को लागू नहीं करने का फैसला नहीं ले सकतीं, क्योंकि नागरिकता संबंधी कानून केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।

क्या कहता है कि संविधानः संविधान की सातवीं अनुसूची में केन्द्र और राज्यों के बीच ताकत का बंटवारा किया गया है। भारत के संघीय ढांचे में राज्यों के पास भी अधिकार हैं, लेकिन वह केन्द्रीय लिस्ट वाले अधिकारों में दखल नहीं दे सकते। संविधान में केन्द्रीय लिस्ट में 100 विषय हैं, जिन पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र सरकार के पास है, वहीं राज्य सरकारों के पास 52 विषय हैं, जिन पर राज्य सरकार कानून बना सकती हैं। नागरिकता संबंधी कानून का अधिकार केन्द्र सरकार के पास हैं, ऐसे में राज्य सरकार नागरिकता संबंधी कानूनों को अपने राज्य में लागू करने से इंकार नहीं कर सकते।