लखनऊ: हिन्दुत्व और कारपोरेट गठजोड़ की तानाशाही को लोकतंत्र परास्त करेगा। इसी तानाशाही को स्थापित करने में लगी आरएसएस- भाजपा की सरकार विश्व ख्याति प्राप्त जेएनयू पर हमले करा रही है। मेरे जैसे सच्चे अम्बेडकरवादी की गिरफ्तारी करवा रही है और चौतरफा दमन और आतंक का राज कायम कर रही है। यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। महंगाई, बेरोजगारीऔर किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही है। खेती किसानी व छोटे-मझोले उद्योग तबाह हो रहे हैं, लम्बे संघर्षो से हासिल मजदूरों के अधिकार छीने जा रहे हैं। देश का चैकीदार बिजली, रेल, तेल, बैंक, बीमा, कोयला समेत सार्वजनिक उद्योग व प्राकृतिक संसाधन चंद चहेते देशी विदेशी कारपोरेट घरानों को बेचने में लगा हुआ है। संषोधित नागरिकता कानून और नागरिकता रजिस्टर इसी तानाशाही का दुष्परिणाम है। यह बाते आज मजदूर किसान मंच के प्रदेष अध्यक्ष व स्वराज अभियान के घटक आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट के प्रवक्ता पूर्व आईजी एस0 आर0 दारापुरी ने कहीं।
उन्होंने बताया कि वनाधिकार कानून व मनरेगा को लागू करने, किसानों का कर्जा माफ करने, सहकारी खेती व ब्याज मुक्त कर्ज, किसानों को लाभकारी दाम व सरकारी खरीद की गारंटी, सीएए व एनआरसी को वापस लेने, इसका विरोध करने वाले निर्दोर्षो को गिरफ्तार करने वालों पर कार्यवाही करने, ठेका मजदूरों का नियमितीकरण करने, सार्वजनिक उद्योगों को बेचने व निजीकरण पर रोक लगाने सम्बंधी मांगों पर सोनभद्र, मिर्जापुर चंदौली, आगरा, गोण्डा समेत पूरे प्रदेश में मजदूर किसान मंच व वर्कर्स फ्रंट कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद दर्ज कराकर अखिल भारतीय हड़ताल के समर्थन में प्रस्ताव लिया। बैठकों में जेएनयू और स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव पर किए हमले की कड़ी निंदा करते हुए हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग भी की गयी।