नई दिल्ली: भारतीय टीम के ऑलराउंडर इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया, इसके साथ ही पठान के 16 साल लंबे इंटरनेशनल करियर का समापन हो गया। इस स्टार क्रिकेटर ने अपने संन्यास के बाद बताया है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनका इंटरनेशनल करियर उस उम्र में खत्म हो गया, जिसमें कई क्रिकेटर डेब्यू करते हैं।

इरफान ने कहा, लोग अपना करियर तब शरू करते हैं, जब वह 27-28 साल के होते हैं और इसके बाद 35 तक खेलते हैं। जब मैं 27 साल का था, तो मैं 301 इंटरनेशनल विकेट ले चुका था, तो यही वह था। मुझे केवल इसी बात का अफसोस है।

35 वर्षीय पठान ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेलने के करीब साल बाद शनिवार को संन्यास लेने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 2016 में उन्हें ये अहसास हो गया था कि वह अब भारत के लिए फिर कभी नहीं खेल पाएंगे।

पठान ने कहा, '27 साल के इरफान पठान, को अपने करियर की बुलंदियों पर और मौके मिलने चाहिए थे लेकिन जिन भी कारणों से ये नहीं हुआ। कोई शिकायत नहीं है लेकिन पीछे मुड़कर देखने पर इसका अफसोस है।'

उन्होंने कहा, '2016 के बाद मैं जानता था कि मैं वापसी नहीं कर पाऊंगा जब मैं मुश्ताक अली ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाला बल्लेबाज था। मैं बेस्ट ऑलराउंडर था और जब मैंने चयनकर्ताओं से बात की थी, तो मेरी गेंदबाजी से बहुत खुश नहीं थे।'

इरफान पठान ने भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 इंटरनेशनल मैचों में क्रमश: 100, 173 और 28 विकेटों समेत कुल 301 इंटरनेशनल विकेट झटके। 2006 में वह पाकिस्तान के खिलाफ हैट-ट्रिक लेने के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में हैट-ट्रिक लेने वाले हरभजन सिंह के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज बने थे।

इरफान पठान ने अपना टेस्ट डेब्यू दिसंबर 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था और आखिरी इंटरनेशनल मैच अक्टूबर 2012 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था।

इरफान पठान ने कहा, 'काश मैं और खेल पाता और 500-600 विकेट ले पाता और ज्यादा रन बना पाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।'