नई दिल्ली: कर्नाटक के हारोबेले गांव में कापाला हिल्स पर ईसा मसीह की प्रतिमा बनाने के प्रोजेक्ट के लिए कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की ओर से 10 एकड़ जमीन देने पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। दावा किया जा रहा है कि ये दुनिया की सबसे ऊंची क्राइस्ट की मूर्ति होगी। ये गांव कनकपुरा विधानसभा में आता है। कनकपुरा शिवकुमार का विधानसभा क्षेत्र है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार क्रिसमस के दिन शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में यहां हिस्सा लिया था। उसी दौरान प्रार्थना के बाद प्रतिमा स्थापित करने के कार्य की विधिवत शुरुआत हुई। इस दौरान 114 फीट ऊंची मूर्ति का खाका भी दिखाया गया। इसे एक चट्टान से बनाया जाना है।

इस मौके पर शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश ने जमीन को स्थानीय चर्च द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट को सौंपा जिसकी देखरेख में इस परियोजना पर काम किया जाना है। डीके सुरेश भी यहां से सांसद हैं।

हालांकि, राज्य में सत्ता पर काबिज बीजेपी ने शिवकुमार के इस कदम की आलोचना की है। वरिष्ठ बीजेपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने एक ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर बनाने का विरोध किया था लेकिन अब क्राइस्ट की मूर्ति बनाने का समर्थन कर रही है।

ईश्वरप्पा ने मंगलुरू एयरपोर्ट पर उनके ट्वीट को लेकर पूछे गये पत्रकारों के सवाल पर हालांकि कहा कि अगर ये सभी की सहमति से कार्य हो रहा है तो स्वागत योग्य है लेकिन शिवकुमार का कदम ईसाई वोट के लिए है।

ईश्वरप्पा ने साथ ही कहा, 'वे (शिवकुमार) कहते हैं कि वे केंपे गौडा और आदि चुंचिंगिरी मुत्त स्वामी के भक्त हैं, फिर उनकी मूर्ति क्यों नहीं। क्राइस्ट की मूर्ति की घोषणा क्यों, क्या वे उन्हें भूल गये। मैं क्राइस्ट की प्रतिमा के खिलाफ नहीं हूं लेकिन हिंदुओं में भी कई भगवान हैं, ये अच्छा होता अगर उनका ध्यान इस ओर भी गया होता।'

दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर शिवकुमार पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री ने लिखा, 'पद के लिए अपने इटेलियन बॉस को खुश करने के लिए तिहाड़ से लौटा शख्स ये कदम उठा रहा है।'

वहीं, शिवकुमार ने अपने कदम का बचाव करते हुए ट्वीट किया, 'मैं लोकतंत्र में विश्वास करता हूं जहां सभी मान्यताएं एक बराबर हैं। मेरे कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र में सभी विश्वास को मानने वाले लोग रहते हैं और मेरा काम है कि मैं उन्हें आदर दूं।'