अलीगढ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में देश भर के कई राज्यों में प्रदर्शन के बीच उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने एक और कड़ा कदम उठाया है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदर्शन के दौरान हिंसा को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दस हजार अज्ञात छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

ये केस 15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में दर्ज की गई है। इस प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी के कैंपस में सीएए और एनआरसी के खिलाफ खूब बवाल हुआ था। बता दें कि सीएए के खिलाफ यूपी में सबसे व्यापक हिंसा नजर आई थी और समूचे सूबे में 19 लोगों की मौत इस हिंसा के दौरान हुई। अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या 21 तक है।

इससे पहले राजधानी लखनऊ के इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवातुल उलमा (नदवा) और इंटीग्रल विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन के मामले में 400 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल चार मुकदमे दर्ज किए गए थे।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही एएमयू के छात्रों, शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों सहित करीब 1,200 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के कथित उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, उन्होंने मंगलवार को मोमबत्ती जुलूस निकाला था।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने के लिए और इस विवादास्पद कानून के खिलाफ आंदोलन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए यह जुलूस निकाला गया था।

एएमयू के लगभग 2,000 लोगों ने 24 दिसंबर की शाम मोमबत्ती जुलूस निकाला था और राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा था। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर एएमयू पांच जनवरी 2020 तक बंद है और हॉस्टल भी खाली करा दिए गये हैं।