लखनऊ: एन.आर.सी. और कैब को लेकर देश में जारी विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय समाजिक कार्यकर्ता संगठन के संयाजक मुहम्मद आफाक ने कहा कि हमारे देश में सैकड़ों साल से कुछ ऐसी शक्तियाँ पनप रही हैं जो हमेशा हिन्दू-मुस्लिम में नफरत फैलाकर झगड़ा कराने का प्रयास करती रही हैं जिसका दुष्परिणाम भारत के मुस्लिम समाज को झेलना पड़ा, बाबरी मस्जिद विध्वंस हुई, ‘कश्मीर’ को ‘कश्मीरी पण्डितों’ के नाम पर बर्बाद कर दिया, 2002 में गुजरात काण्ड में हजारों मुस्लिम को मौत के घाट उतार दिया, माॅब लिचिंग में मुस्लिम समाज के लोगों को मारा गया। गाय के नाम पर हत्याएँ हुईं और मुस्लिम समाज के अधिकारों को छीना गया|

अपने बयान में मुहम्मद आफ़ाक़ ने डाॅ0 जाकिर नाईक को शांतिदूत बताते हुए कहा डाॅ0 जाकिर नाईक के कारण धर्म धन्धा करने वालों की दुकाने बंद हो रही थीं इसलिए उन्हें आतंकवादी घोषित किया गया । इतने अत्याचार होने के बाद भी मुस्लिम समाज चुप रहा यहां तक कि बाबरी मस्जिद छिन गयी फिर भी खामोश रहा लेकिन जब संविधान के खिलाफ संसद में बिल किया गया तो मुस्लिम समाज भारत के संविधान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया।

उन्होंने कहा, नफरत फैलाने वाली ताकतें हिन्दू-मुस्लिम की एकता देखकर दंग रह गईं। उनकी सैकड़ों साल की मेहनत पर पानी फिर गया और झारखण्ड का चुनाव परिणाम सामने है। मुहम्मद आफाक ने कहा कि देष में भाजपा सरकार धर्म का धंधा करने वाली सिद्ध हुई। उसने देश के विकास और नागरिकों के उत्थान के लिये कोई काम नहीं किया। राम मंदिर के लिए रास्ता साफ कर लिया है उस मंदिर से होने वाली आमदनी से भाजपा को आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा अपना भरण पोषण तथा राजनीति चमकाने रहेगी। लेकिन सत्ता का सुख भोगने में असफल रहेगी क्योंकि अब हिन्दू-मुसिलम ने उनकी चालाकियां और मक्कारियाँ अच्छी तरह समझ ली हैं। हिन्दू-मुस्लिम एकता देखकर भारत का हर नागरिक को गर्व महसूस हो रहा है। वास्तव में भारत का नागरिक होना गर्व की बात है।