चेन्नई: दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित भारत की कई यूनिवर्सटियों में नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नागरिकता कानून में संशोधन के ख़िलाफ़ मद्रास विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी मद्रास विश्वविद्यालय परिसर में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। मद्रास विश्वविद्यालय में तनातनी की स्थिति तब बन गई जब पुलिस यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश कर गई और दो छात्रों को गिरफ़्तार कर लिया।

मंगलवार को पुलिस मद्रास यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुस गई, जहां पर बहुत से छात्र, जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा तथा नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। परिसर में प्रवेश करने वाले पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे छात्रों की सुरक्षा के लिए हैं, जबकि प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि दो छात्रों को पुलिस ने उठा लिया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि संबद्ध कॉलेजों के छात्रों को विश्वविद्यालय के मरीना परिसर में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उकसाने को लेकर दो छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। प्रदर्शनकारी छात्रों के अनुसार मद्रास विश्वविद्यालय ने 2 जनवरी तक अवकाश घोषित कर दिया है। प्रदर्शन के समन्वयकों में शामिल एवं राजनीति विज्ञान में परास्नातक के छात्र के. रघु प्रसाद ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''आज उन्होंने 23 दिसंबर तक की छुट्टी घोषित कर दी, विश्वविद्यालय को वैसे भी क्रिसमस की छुट्टियों के लिए 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक बंद करना है। 23 दिसंबर तक छुट्टी की घोषणा करना केवल हमारे विरोध को रोकने के लिए है। समन्वयक ने दावा किया कि दोनों छात्र पुलिस की हिरासत में हैं।

मरीना तट के ठीक सामने स्थित विशाल परिसर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ''इंकलाब जिंदाबाद और ''छात्र एकता जिंदाबाद" के नारे लगाए। मद्रास विश्वविद्यालय के छात्रों ने नागरिकता अधिनियम में संशोधन को वापस लेने की मांग की और इसके खिलाफ नारे लगाए। ग़ौरतलब है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्र निकायों ने गुरुवार को पूरे भारत में विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है।