लखनऊ: उन्नाव रेप पीड़िता की जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में पुलिस बारीकी से पड़ताल कर रही। सभी पांचों आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने ओपी सिंह ने कहा है कि मरने से पहले पीड़िता ने जो बयान दिया था उसके आधार पर हत्यारों को सजा हो सकेगी। पीड़िता को 5 दिसंबर को पांच आरोपियों ने ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग के हवाले कर दिया था। उसे उन्नाव के स्वास्थ्य केंद्र से फौरन लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल ले जाया गया था और फिर वहां से एयर एंबुलेंस के जरिये दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता को भर्ती कराया गया था।

पीड़िता ने 5 दिसंबर को ही लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में प्रशासनिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया था। 6 दिसंबर को पीड़िता की सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। एचटी की खबर के मुताबिक, डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस प्राथमिकता के आधार पर मामला देख रही है पांचों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। डीजीपी ने यह भी कहा कि पीड़िता के पिता, उसकी बड़ी बहन और उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे ताकि आरोपियों के खिलाफ केस मजबूत बनाया जा सके।

डीजीपी सिंह ने कहा कि मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि वे जल्द चार्जशीट दाखिल करें। अगर जरूरत पड़ी तो आरोपियों का डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा।

पीड़िता का मोबाइल फोन, पर्स और अन्य चीजें पहले ही फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी जा चुकी हैं। पीड़िता के चीजों पर आरोपियों के उंगलियों के निशान पाए जा सकते हैं।

डीजीपी ने कहा कि पांचों आरोपी- हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी, शिवम त्रिवेदी और शुभम त्रिवेदी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जिनके नाम पीड़िता ने बताए थे। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि शिवम और शुभम ने 2018 में उसे अगवा किया था और उसके साथ रेप किया था। मामले में मार्च 2019 में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मुख्य आरोपी शिवम को सितंबर में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उसे बाद में 25 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी और दस दिन बाद महिला को जिंदा जलाने की वारदात को अंजाम दिया गया।