नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देश के मुसलमानों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है, वे देश के नागरिक थे और रहेंगे। शाह ने ये बयान नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश करने के बाद दिया।

लोकसभा में 80 के मुकाबले 311 मतों से पास हो चुके इस बिल का विपक्षी दल धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए विरोध कर रहे हैं।

देश के मुसलमानों को सीएबी से चिंतित होने की जरूरत नहीं: अमित शाह
शाह ने राज्यसभा में सीएबी को पेश करते हुए कहा है, 'इस बिल को लेकर देश के मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे भारत के नागरिक थे और रहेंगे।' शाह ने कहा कि इस बिल को लेकर भ्रांति फैलाई जा रही है।

शाह ने बिल पर विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए कहा, 'आप क्या चाहते हैं कि हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले मुसलमानों को भी नागरिकता दे दें?'

इस बिल को लेकर उठ रहे सवालों पर शाह ने कहा, 'इस बिल से हम आजादी के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आने वाले अल्पसंख्यकों नागरिकता देंगे।'

नागरिकता संशोधन बिल, 'नागरिकता बिल 1955 में संशोधन करके पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता का अधिकार प्रदान करता है।