लखनऊ: उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता के अंतिम संस्कार में सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाने पर अड़े परिजन आखिरकार मान गए हैं। प्रशासन ने रविवार सुबह रेप पीड़िता के परिजनों को कई घंटे तक समझाया-बुझाया, इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गया है। इससे पहले रेप पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार सुबह ही होना तय हुआ था लेकिन परिजनों ने मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग रखते हुए अंत्येष्टि से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि सफदरजंग अस्पताल में शनिवार को पीड़िता का निधन हो गया था।

इससे पहले उन्नाव रेप पीड़िता की बहन ने कहा कि जब तक योगी जी यहां नहीं आएंगे तब तक हम अपनी बहन का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से योगी जी से बात करना चाहती हूं। मैं सरकारी नौकरी चाहती हूं और आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रही हूं।"

गौरतलब है कि शनिवार शाम पीड़िता के शव को कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली से उन्नाव लाया गया था। पीड़िता के साथ गैंगरेप के आरोपियों ने उसे गुरुवार सुबह जिंदा जलाने का प्रयास किया था, जिसके बाद 90 फीसदी तक झुलसी पीड़िता को पहले लखनऊ और फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया था। शुक्रवार रात पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद देशभर में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए।

जानकारी के अनुसार पीड़िता का शव पहुंचने के बाद क्षेत्र में हालात नाजुक बने हुए हैं। कानून व्यवस्था के मद्देनजर सीतापुर, हरदोई और लखनऊ से पुलिस फोर्स को उन्नाव बुलाया गया है। इसके अलावा दो प्लाटून पीएसी को भी मौके पर बुलाया गया है।

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान भी किया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पीड़िता के परिवार को घर देने की भी घोषणा की गई। सीएम योगी ने इस केस को फास्ट ट्रैक में ले जाने की बात कही है, जिससे कि मामले के दोषियों को जल्द और कड़ी सजा दिलाई जा सके।