नई दिल्ली: सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सोमवार (25 नवंबर) को महाराष्ट्र सरकार गठन मुद्दे को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी सदस्यों के हाथों में बैनर भी दिखाई दिया, जिसमें 'लोकतंत्र की हत्या' करना बताया गया है। साथ ही साथ इसे रोकने की भी मांग की गई है।

बाद में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी नेताओं ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान नारेबाजी की और कहा, 'संविधान की हत्या बंद करो, बंद करो। इसके अलावा कांग्रेस सदस्यों ने महाराष्ट्र मुद्दे पर राज्यसभा में भी नारेबाजी की।

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

बता दें, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महाराष्ट्र में शनिवार सुबह ऐसे समय में सरकार बनाई जब कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच सरकार के गठन को लेकर अंतिम चरण में चर्चा हो रही थी। बीजेपी के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने दूसरी बार शपथ ली। वहीं, अजित पवार ने राज्य के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

सरकार बनने के बाद प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा हो गया और अजित पवार अकेले पड़ते दिखाई दिए। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार का एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। बीजेपी के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का है। यह पार्टी का निर्णय नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते।

गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।

गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं। बीजेपी और शिवसेना के अलग-अलग रास्ते अख्तियार करने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के पास पहुंची। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।