मुंबई: महाराष्ट्र में शनिवार तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद भाजपा-एनसीपी सरकार ने प्रभार संभाला। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की। इस आशय का राज-पत्र केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर जारी किया। राष्ट्रपति शासन हटने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फड़णवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार ने महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने महाराष्ट्र के अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम पर हैरानी जताते हुए शनिवार को कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा को तीन दिन के भीतर बातचीत पूरी कर लेनी चाहिए थी। सिंघवी ने ट्वीट किया, ” महाराष्ट्र के बारे में पढ़कर हैरान हूं। पहले लगा कि यह फर्जी खबर है। निजी तौर पर बोल रहा हूं कि तीनों पार्टियों की बातचीत तीन दिन से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए थी। यह बहुत लंबी चली। मौका दिया गया तो फायदा उठाने वालों ने इसे तुरंत लपक लिया।” उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार पर तंज कसते हुए कहा, ” पवार जी तुस्सी ग्रेट है। अगर यही सही है तो आश्चर्यजनक है। अभी यकीन नहीं है।”

शुरुआत में अटकलें लगने लगीं कि क्या अजीत पवार ने बगावत करके बीजेपी को समर्थन दिया क्योंकि शरद पवार तो शुक्रवार शाम तक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने पर सहमति बनने की घोषणा कर रहे थे। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि बीजेपी के साथ जाने के एनसीपी के इस फैसले में शरद पवार की रजामंदी भी शामिल है। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार आर राजगोपालन ने ट्वीट कर दावा किया कि शुक्रवार रात 11 बजे से शनिवार सुबह 4 बजे तक बीजेपी और एनसीपी के बड़े नेताओं के बीच बातचीत के बाद सरकार बनाने पर सहमति बनी। उन्होंने यह भी दावा किया कि शिवसेना के 18 जबकि कांग्रेस के 6 विधायक पाला बदलने वाले हैं।

खबर तो यह भी है कि देवेंद्र फडणवीस की अगुआई में बनाने वाली सरकार को समर्थन देने के मामले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी सहमति थी। उन्होंने अजीत पवार को अपनी रजामंदी दी, जिसके बाद एनसीपी और बीजेपी ने सरकार बनाने पर आगे बढ़ने का फैसला लिया। बता दें कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के बाद अजीत पवार को खास तौर शुक्रिया कहा। सीएम के मुताबिक, अजीत पवार ने महाराष्ट्र में स्थाई सरकार देने के लिए बीजेपी के साथ आने का फैसला किया। फडणवीस के मुताबिक, कुछ दूसरे नेताओं ने भी सरकार बनाने पर सहमति दी।