नई दिल्ली: महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के प्रयासों में जुटी शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हटाए जाने को लेकर भाजपा पर जमकर भड़ास निकाली है। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में भाजपा पर तीखा हमला बोला गया है। शिवेसना ने कहा है कि ये अहंकारी और मनमानी राजनीति के अंत की शुरुआत है। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि के दिन शिवसेना को एनडीए से बाहर करने पर पार्टी ने निशाना साधा है।

शिवसेना ने कहा है, 'सारा देश जब बालासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था उसी समय जिसने एनडीए की स्थापना की, उसे ही बाहर निकालने की घोषणा इन लोगों ने की। कोई चर्चा नहीं और कोई चिट्ठी-पत्र नहीं। जिस एनडीए के अस्तित्व को गत साढ़े सात सालों में धीरे-धीरे नष्ट कर दिया, कह रहे हैं कि उस एनडीए से शिवसेना को बाहर निकाल दिया। ये अहंकारी और मनमानी राजनीति के अंत की शुरुआत है। इस शब्द का प्रयोग आज हम जान-बूझकर कर रहे हैं। छत्रपति शिवराय के महाराष्ट्र से लिया गया पंगा तुम्हारा तंबू उखाड़े बिना नहीं रहेगा। हम ये वचन दे रहे हैं। महाराष्ट्र उठता नहीं और उठ गया तो चुप नहीं बैठता। पैसे और सत्ता का दर्प शिवराय की माटी में नहीं चलता इसका अनुभव विधानसभा चुनाव में मिल ही गया है।'

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा, "भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी ने राज्य में सरकार बनाने के लिए महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन करने के बाद शिवसेना को एनडीए से निकालने की घोषणा की है। संसद के दोनों सदनों में शिवसेना पार्टी के नेताओं को विपक्ष की तरफ सीटें आवंटित की गई। जिसने ये घोषणा की है उसे शिवसेना का मर्म और एनडीए का कर्म-धर्म नहीं पता। "

संपादकीय में कहा गया है, "जब भाजपा अस्तित्व में आई तो कोई भी पार्टी उसका समर्थन नहीं करती थी। बालासाहेब ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस और पंजाब के बादल जैसे दिग्गजों ने जब एनडीए की नींव रखी उस समय आज के दिल्लीश्वर गुदड़ी में भी नहीं रहे होंगे। कइयों का तो जन्म भी नहीं हुआ होगा। एनडीए की बैठकें होती थीं और महत्वपूर्ण निर्णय पर चर्चा की जाती थी। जॉर्ज फर्नांडिस एनडीए के निमंत्रक थे और आडवाणी प्रमुख थे। हम पूछते हैं कि अब एनडीए का नेता कौन है?"

संपादकीय में आगे सवाल किया गया कि गठबंधन सहयोगियों के साथ बैठक में एनडीए से पार्टी को हटाने का फैसला लिया गया या नहीं? पूछा गया, "जो कुछ भी हुआ है, वह उन लोगों को उजागर करता है जो शिवसेना के खिलाफ थे। इन लोगों ने बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि के मौके पर एनडीए से शिवसेना को हटाने की घोषणा की।"

शिवसेना ने कहा है कि जब भाजपा महबूबा मुफ्ती के साथ गठबंधन कर रही थी तब क्या एनडीए से अनुमति ली गई थी? सामना में लिखा है, "कश्मीर में राष्ट्रद्रोही और पाकिस्तानियों के गीत गाने वाली महबूबा मुफ्ती के साथ सत्ता के लिए निकाह करने वाली बीजेपी ने एनडीए की अनुमति ली थी क्या? नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले और मोदी पर कठोर टिप्पणी करने वाले नीतीश कुमार की कमर पर फिर से एनडीए की लंगोट पहनाते समय आपने हमसे अनुमति ली थी क्या?"