नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा अपने ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड रद्द करने के फैसले पर लेखक आतीश तासीर ने कहा है कि वह मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ लड़ेंगे। अंग्रेजी अखबार द हिंदू को अमेरिका से टेलिफोन पर दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘कानूनी लड़ाई में आने वाले बड़े खर्च और लगने वाले लंबे वक्त के मद्देनजर मैं जरा सा संकोच कर रहा था। हालांकि, बहुत सारे लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि अगर मैं सरकार के इस कदम के खिलाफ नहीं लड़ा तो मैं उन्हें ऐसे ही जाने दूंगा।’

सरकारी अफसरों ने प्रक्रिया का पालन करने की दुहाई दी थी। इस पर आतिश ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस का विस्तृत जवाब भेजा था। बता दें कि मंत्रालय का आरोप है कि तासिर ने 2000 में पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) का दर्जा हासिल करने के लिए तथ्यों को छिपाया और गलत ढंग से पेश किया। आरोप के मुताबिक, तासिर ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि उनके जैविक पिता पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर सलमान तासिर के पास ब्रिटिश और पाकिस्तानी नागरिकता है।

सूचनाओं में गड़बड़ी के आरोप पर तासिर ने कहा, ‘मेरे माता-पिता की कभी शादी नहीं हुई और उनके रिश्ते मेरे जन्म तक ही रहे। इसलिए मेरे पिता का नाम मेरे बर्थ सर्टिफिकेट पर था।’ तासीर ने आगे कहा, ‘मेरी मां ने पूरी तरह मेरी परवरिश भारत में की। मेरे बचपन में पिता की कोई दखल नहीं थी या उन्होंने किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं की। सबसे अहम बात, उनकी मेरे जिंदगी में कोई मौजूदगी नहीं। मैं अपने कई किताबों और लेखों में इस बात का जिक्र किया है, इसलिए मेरा बर्ताव जानकारी छिपाना तो नहीं था। सरकार भारत से मेरे रिश्ते को कैसे खारिज कर सकती है जबबकि मैं अपने पिता को जानता तक नहीं।’

तासिर के मुताबिक, वह अपने पिता से पहली बार 21 साल की उम्र में मिले थे और उन्हें अपना पीआईओ कार्ड मिल चुका था। वहीं, 2016 में सरकारी प्रक्रियाओं के तहत उनका पीआईओ कार्ड ओसीआई कार्ड में तब्दील हो गया। उन्होंने कहा, ‘इन 20 सालों में किसी सरकार ने अभी तक मेरे इस कार्ड पर सवाल नहीं उठाए थे।’ तासिर का आरोप है कि सरकार ने तीन महीने पहले उन्हें नोटिस तब भेजा, जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए एक लेख लिखा था। हालांकि, सरकार इस आरोप को सिरे से खारिज कर चुकी है।