नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने रविवार को गोल्ड रिजर्व से सोने की बिक्री वाली ख़बरों का खंडन किया है। दरअसल, मीडिया में खबर हाल रही थी कि केंद्रीय बैंक ने हाल में 30 सालों में पहली बार अपने गोल्ड रिजर्व से सोने की बिक्री की है जिसको नकारते हुए आरबीआई ने रविवार को ट्वीट किया 'मीडिया के कुछ वर्गों में रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि RBI देर से सोने की बिक्री कर रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि आरबीआई ने इसमें कोई सोना या व्यापार नहीं बेचा है।'

बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि आरबीआई ने कुल 1.15 अरब का सोना बेचा है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक सांख्यिकीय पूरक के डाटा ऐनालिसिस से पता चला है कि इसने अपने बिजनेस ईयर की शुरुआत वाले महीने यानी जुलाई से 5.1 अरब का सोना खरीदा है और लगभग 1.15 अरब का सोना बेचा है।

कमजोर मांग और कीमती धातु की ऊंची कीमतों से धनतेरस में सोने और चांदी की बिक्री में 40 प्रतिशत तक की गिरावट होने का अनुमान है। धनतेरस पर सोना, चांदी और अन्य कीमती चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। हालांकि , आभूषण कारोबारियों का कहना है कि इस बार देशभर के अधिकांश बाजारों में ठंडा माहौल देखने को मिला। कारोबारियों ने ग्राहकों की संख्या में कमी और उपभोक्ता द्वारा खर्च में कटौती करने की बात कही।

दिल्ली में शुक्रवार को सोना 220 रुपये बढ़कर 39,240 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। पिछले साल धनतेरस में सोना 32,690 रुपये पर था। इस दौरान, कीमतों में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट के मुताबिक, इस साल धनतेरस में शाम तक करीब 6,000 किलो सोना बिकने का अनुमान है। इसका मूल्य 2,500 करोड़ रुपये के आसपास है।

पिछले साल धनतेरस पर 17,000 किलो सोने की बिक्री हुई थी। इसका मूल्य 5,500 करोड़ रुपये था। कैट के सोना एवं आभूषण समिति के चेयरमैन पंकज अरोड़ा ने बयान में कहा, "अनुमान के मुताबिक इस बार कारोबार में 35-40 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह कारोबारियों के लिए चिंता का विषय है।"

उन्होंने कहा कि सोने और चांदी की कीमतों में तेजी के चलते बिक्री में गिरावट आई है। अरोड़ा ने कहा कि संभवत : यह व्यापारियों के लिए पिछले 10 सालों में " सबसे खराब धनतेरस " रहा। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन अनंत पद्मनाभन ने बताया , " मात्रा के आधार पर , बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत कमी आने का अनुमान है। मूल्य के आधार पर बिक्री पिछले साल के स्तर पर ही रहेगी , क्योंकि कीमती धातु के दाम काफी बढ़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकांश ग्राहकों ने शुभ काम मानते हुए कम मूल्य की वस्तुएं खरीदी। वे शादी – ब्याह के खातिर आभूषण खरीदने के लिए कीमतों में कमी का इंतजार कर रहे हैं। भारत में विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के अध्यक्ष सोमासुंदरम पीआर ने कहा , " सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में तेज वृद्धि और भारी छूट से कारोबार पर असर पड़ा है। "

एक्सिस सिक्यूरिटीज ने एक टिप्पणी में कहा कि वैश्विक आर्थिक मंच पर अनिश्चितताओं को देखते हुए सोने में अभी और दम दिखता है। कंपनी ने एक नोट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि का अनुमान 0.2 प्रतिशत घटा कर 3 प्रतिशत कर दिया है। अस्थिरता के दौर में सोने पर दाव लगाना सुरक्षित समझा जाता है।

दिल्ली के करोल बाग ज्वैलरी संघ के अध्यक्ष विजय खन्ना ने कहा कि अधिकांश खरीदारों ने विशेषकर निवेश उद्देश्य से सांकेतिक खरीद की। उन्होंने कहा , " इस धनतेरस पर बिक्री स्थिर रही लेकिन शादी – ब्याह के मौसम में बिक्री में सुधार की उम्मीद है। "

यूटी जावेरी के कुमार जैन ने कहा , " खरीदी ने तेजी पकड़ी और शादी – ब्याह के आभूषण बुकिंग के लिए भीड़ रही। कम कीमत के उत्पादों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा " हालांकि , कल्याण ज्वैलर्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक टी . एस . कल्याणरमण ने कहा , " हमने अपने शोरूमों में सकारात्मक रुख देखा। पूरे रुख या वृद्धि पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। "