बैंक अधिकारियों की देशव्यापी हड़ताल 26 व 27 सितम्बर को

लखनऊ। ‘बैंकों के विलय से बैंको एवं समाज को भी क्षति पहुँचना तय है। अनेक शाखाओं की बन्दी होगी तथा रोजगार में कमी आयेगी’ यह विचार आज स्टेट बैंक मुख्य शाखा में आयोजित एक प्रेसवार्ता में आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन, उ0प्र0 इकाई के महासचिव काम0 दिलीप चाौहान ने व्यक्त किया। 30 अगस्त 2019 को वित्तमंत्री द्वारा 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित विलय की घोषणा की गई। इस विलय से ऋण लेने वाले बड़े-बड़े कार्पोरेट घरानों को लाभ मिलेगा परन्तु मध्यम वर्ग पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होने बताया हम बैंको के इस प्रस्तावित विलय के कारण 26 व 27 सितम्बर को दो दिन की देशव्यापी हड़ताल पर जा रहे हैं। श्री चौहान ने वेतन समझौते पर कहा कि संसद द्वारा लागू न्यूनतम वेतन लागू किया जाना चाहिये। केन्द्र सरकार पिल्लई कमेटी की संस्तुतियों पर भी ध्यान नहीं दे रही है जिसमें कहा गया है कि बैंक अधिकारियों का वेतन सिविल सर्विसेज आफिसर के समान होना चाहिए। वित्त मंत्रालय ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए को निर्देश दिया था कि बैंकों में वेतन समझौते पर शीघ्र वार्ताकर इसे 1 नवम्बर 2017 से लागू किया जाय परन्तु 22 माह बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला है।

का0 चौहान ने माॅग की कि वेतन समझौता सभी स्केल के अधिकारियों के लिये हो। आयबाॅक के प्रदेश अध्यक्ष काम0 पवन कुमार ने कहा कि अधिकारियों से 9 से 9 बैकिंग कराना कहाॅ का न्याय है हम तो गुलामों की तरह जी रहे हैं इस प्रकार से हम घर-परिवार आदि की जिम्मेदारी कैसे निभा सकते है हमारे साथी अनेक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। हमें लगातार बढ़ते काम के बोझ, अपर्याप्त कर्मचारियों, और बहुराष्ट्रीय नियंत्रकों, निरंतर-महत्वाकांक्षी लक्ष्यों और अल-निरंतरता के कारण भारी तनाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर गल्ती से भी कोई भूलचूक हो जाये तो विजलेंस के नाम पर अधिकारियों को अमानवीय तरह से प्रताड़ित किया जाता है। सतर्कता मामलों में बाहरी एजेंसियों द्वारा अनुचित हस्तक्षेप किया जा रहा है।

इलाहाबाद बैंक अधिकारी संघ के महामंत्री का0 आर0एन0शुक्ला ने माॅग किया कि ग्राहको को पडने वाले चार्जेज में वृद्वि कर दी गई उसका निर्धारण जायज होना चाहिये। केन्द्र सरकार नई पेंशन स्कीम को समाप्त करें तथा पेंशन पुर्नरीक्षण एवं पारिवारिक पेंशन में तुरन्त सुधार होना चाहिये साथ ही हम 5 दिन के बैंकिग सप्ताह की जोरदार माॅग करते हैं। का0 शुक्ला ने कहा-‘सभी बड़े बकायेदारों के नाम सार्वजनिक किये जाये, जिससे कोई भी बैंक उन्हें नया ऋण न दे सके।’ काम0 विनय कुमार, महामंत्री, यूनियन बैंक ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का परिमार्जन, नकदी लेनदेन में कमी पर बैंक अधिकारियों के वेतन संशोधन, अधिकारियों के लिए 8 घंटे का कार्य समय करने की माॅग उठाई। आज हर बैंक गलत व्यावसायिक प्राथमिकताओं के चलते अपने कर्मचारियों पर थर्ड पार्टी उत्पादों की बिक्री के लिए दबाव डाल रहा है। उन्होंने बैंक अधिकारियों पर हमलों की घटनाओं का जोरदार विरोध करते हुये कहा-हम बैंकों के प्रस्तावित समामेलन का कड़ा विरोधकरते हैं,इसे हम निजीकरण की ओर अग्रसर मानते हैं

इस मौके पर बैंक अधिकारी संगठन नेताओं केनरा बैंक के का0 धनन्जय सिंह, का0विवेक श्रीवास्तव, का0अंशुमान सिंह, बैक आॅफ इण्डिया से का0सौरभ श्रीवास्तव, का0 रविन्द्र सिंह तथा का0 एस.एस.प्रसाद, का0 आर.के.सरन, का0 शशांक सिंह-बैंक आॅफ बड़ौदा, का0 आर.के.वर्मा-सिन्डीकेट बैंक, का0 संजय सिंह-सेंट्रल बैंक ने भी अपने विचार व्यक्त किये। यूएफबीयू के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया 4 बैंक अधिकारी संगठन आल इण्डिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), आल इण्डिया बैंक आफीसर्स एसोसियेशन (एआईबीओए), इण्डियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) तथा नेशनल आरगनाइजेशन आॅफ बैंक आफीसर्स (एनओबीओ) ने संयुक्त रूप से 26 एवं 27 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। 26 सितम्बर को स्टेट बैंक, प्रधान कार्यालय, मोतीमहल मार्ग पर तथा 27 सितम्बर को इलाहाबाद बैंक, हजरतगंज मुख्य शाखा में सुबह 11.30 बजे सभी बैंक अधिकारी एकत्र होकर सभा एवं विरोध प्रदर्शन करेंगे। हड़ताल के बाद केन्द्र सरकार तथा बैंक संघ द्वारा माॅगे न मानने पर नवम्बर के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को मजबूर होंगे।