राज्यपाल ने नैक मूल्यांकन के संबंध में राज्य विश्वविद्यालयों की बैठक ली

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में नैक मूल्यांकन की तैयारी के सन्दर्भ में सामान्य राज्य विश्वविद्यालय (चिकित्सा, तकनीकी एवं कृषि विश्वविद्यालय के अलावा) के कुलपतियों की बैठक आयोजित की। बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, सचिव उच्च शिक्षा आर0 रमेश कुमार, विशेष सचिव राज्यपाल डाॅ0 अशोक चन्द्र तथा उच्च शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर नैक मूल्यांकन विश्वविद्यालय के स्तर पर कैसे किया जाये, बताने के लिये जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर मध्य प्रदेश की कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो0 आलोक कुमार राय को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।

राज्यपाल ने कुलपतियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी कुलपतिगण नैक ग्रेडिंग के लिये आवश्यक तैयारी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा दिये गये दिशा-निर्देश के अनुसार प्राथमिकता से पूरी करें। नैक मूल्यांकन प्रपत्र भेजने से पूर्व सभी कुलपति अपना प्रस्तुतीकरण राज्यपाल के समक्ष करेंगे ताकि कोई भी कमी हो तो उसे समय से पूरा किया जा सके। विश्वविद्यालय अपने स्तर से समिति गठित करके डाटा एवं स्टैट्टिक्स के साथ सभी बिन्दुओं पर पूरी जानकारी उपलब्ध करायें। नैक के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय स्तर से कार्यवाही होगी तो नैक मूल्यांकन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति अपने स्तर से सम्बद्ध महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन के लिये निर्देशित करें तथा आवश्यकतानुसार उनका सहयोग प्राथमिकता के आधार पर करें।

श्रीमती आनंदीबेन ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि हर माह की 15 तारीख को समय निर्धारित करके कुलपतियों से भेंट करें तथा उनकी समस्याओं का निराकरण करें। लम्बित मामलों की पत्रावलियों को शीघ्रता से निपटाया जाये। विश्वविद्यालयों को मिलने वाले वित्तीय अनुदान समय से जारी किये जायें, जिससे विश्वविद्यालयों को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को दी जाने वाली भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों को संबंधित विभागों से समन्वय करके समयबद्ध तरीके से निपटाने का प्रयास करें।

राज्यपाल ने कहा कि सभी कुलपति सामाजिक सरोकार के कार्यों में भी सहयोग करें। विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार दें तथा बेटियों को गृहस्थ जीवन के संस्कारों सहित शिक्षा प्रदान करें। खून की कमी (एनीमिया) वाली छात्राओं का हिमोग्लोबीन टेस्ट कराकर उन्हें तथा उनके माता-पिता को बुलाकर अच्छे खानपान की सलाह दें। विश्वविद्यालय गांव को गोद लें तथा टी0बी0 रोग से ग्रस्ति बच्चों को चिन्हित करें तथा अध्यापकों को प्रेरित करें कि टी0बी0 ग्रस्त बच्चों को गोद लें। पोलिया मुक्त भारत के जैसे टी0बी0 मुक्त भारत का अभियान चलना चाहिये। विश्वविद्यालय परिसर प्लास्टिक मुक्त रखें। फिट इण्डिया के अन्तर्गत योग और खेलकूद से बच्चों को जोड़े। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर के पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिये पीपल व बरगद जैसे आक्सीजन देने वाले पौधे रोपित किये जायें।

बैठक में प्रो0 आलोक कुमार राय एवं प्रो0 संगीता शुक्ला ने नैक मूल्यांकन के लिये क्या और कैसे करें, इस पर विश्वविद्यालय के कुलपतियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि एसएसआर में अवस्थापना, शैक्षिक एवं शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ विशेष नवाचार को भी स्थान दें। नैक के नये प्रोफार्मा के अनुसार जानकारी दें। शोध, एस0आर0एफ0 और जे0आर0एफ0, प्रशिक्षित एवं स्मार्ट क्लास फैकल्टी, डिजिटल डिस्पोजल, जेण्डर सेन्सिटाइजेशन तथा तुलनात्मक डाटा पर ध्यान दें।

राज्यपाल ने कुलपतियों की अन्य समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उनके शीघ्र निराकरण का आश्वासन भी दिया।