एमिटी विश्व विद्यालय में वायुयानों की उड़ानयोग्यता और सुरक्षा पर अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

लखनऊ: कम समय में लम्बी दूरी की यात्राओं को सुगम बनाने में वायुयानों की भूमिका सर्वमान्य है। उड्डयन उद्योग आज विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए नित नए कीर्तिमान बना रहा है। इस विशाल उद्योग में हो रहे बदलावों से विद्यार्थियों को परिचित कराने के लिए एमिटी स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नाॅलाजी, एमिटी विश्व विद्यालय लखनऊ परिसर में एक अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

वायुयान एवं उसकी प्रणाली की उड़ानयोग्यता एवं सुरक्षा और आसन्न चुनौतियां विषय पर आयोजित इस सम्मेलन का शुभारम्भ एचएएल लखनऊ, एसेसरी डिवीजन के महानिदेशक अपूर्व राय ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक काली शंकर, कमांडिंग आफिसर वायुसेना, लखनऊ स्टैबलिशमेंट कैप्टन आरके शर्मा, डीजीसीए लखनऊ के उप निदेशक वीसी पाठक, एयरोनाटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, बंगलुरू के समूह निदेशक, राममोहन काकी, आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर आरएस पंत, एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया के पूर्व एक्सक्यूटिव डाइरेक्टर केशव शर्मा, बैंगुलुरू की नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरी के मुख्य वैज्ञानिक जगदीश मौला, एवं एमिटी स्कूल आफ इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नाॅलाजी, गुरूग्राम के निदेशक डा. एसएन श्रीधर मौजूद रहे।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपूर्व राय ने कहा कि, वायुयानों की सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर रखते हुए उड़ानों की गुणवत्ता को बढ़ाना आज उड्डयन उद्योग की सबसे बड़ी चुनौती और प्राथमिकता है। उन्होने वायुयानों के निर्माण प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में उनकी उड़ान योग्यता को बनाए रखने पर जोर दिया। सम्मेलन में राय ने एमिटी विश्व विद्यालय को बधाई देते हुए उन्होने कहा कि यह सम्मेलन निश्चय ही उड्डयन उद्योग की चुनौतियों और उसके समाधानों को समझने में मील का पत्थर साबित होगा।

सम्मेलन में 200 से ज्यादा की संख्या में प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, इंजीनियरों और छात्रों ने शिरकत की। सम्मेलन को ह्यूमन फैक्टर्स एण्ड एरगोनामिक्स सोसाइटी, यूएसए की मान्यता भी प्राप्त हुई।

सम्मेलन के दौरान नेशनल एयरोनाटिक्स एण्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, (नासा), यूएसए और फेडरल एविएषन एडमिनिस्ट्रेशन, यूएसए के वैज्ञानिकों नें वीडियों टाॅक के जरिए सममेलन को संबोधित किया और प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब दिया।

सम्मेलन में ह्यूमन फैक्टर्स, सुरक्षा, इमीशन लेवल, हेलीकाॅप्टर्स और डिजाइन माॅडिफिकेशन आदि विषयों पर चर्चा की गई एवं एक स्मारिका भी जारी की गई।