नई दिल्ली: पुराने पड़ चुके भारतीय वायुसेना के विमान मिग-21 पर तंज कसते हुए वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोवा ने कहा कि वायुसेना अभी भी 44 साल पुराने मिग-21 विमान उड़ा रही है, जबकि इतने साल बाद कोई अपनी कार तक नहीं चलाता. वायुसेना का मिग 21 विमान चार दशक से ज्यादा पुराना हो गया है. लेकिन अभी भी यह विमान वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बना हुआ है. दुनिया में शायद ही कोई देश इतना पुराना लड़ाकू विमान उड़ाता है. वजह है वायुसेना के पास मिग 21 के विकल्प के तौर पर कोई विमान नहीं हैं. इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वायुसेना पूरे दमखम के साथ इसके भरोसे न केवल सरहद की हिफाजत करती है बल्कि दुश्मन की चुनौतियों का जवाब भी देती है.

वायुसेना प्रमुख ने यह बात दिल्ली में एयरफोर्स ऑडिटोरियम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में कही. मौका था वायुसेना के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण को लेकर हो रहे सेमीनार का. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना एक पेशेवर वायुसेना है, बालाकोट हमले के बाद जिसका लोहा दुनिया ने माना है.

बता दें, अब तक वायुसेना के करीब 500 से ज्यादा मिग-21 लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं. वायुसेना की जरूरत करीब 42 स्कावड्रन की है लेकिन उसके पास है करीब 31 स्कावड्रन है. फ्रांस से खरीदे गये रफाल की पहली खेप अगले महीने सितंबर में आएगी. फ्रांस से भारत ने 36 रफाल खरीदने का सौदा किया है, जिसकी डिलिवरी 2022 तक होगी.

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव पर वायुसेना चीफ बी एस धनोआ ने कहा, 'हमने देखा है कि उनकी क्या तैनाती है. भारतीय वायुसेना हमेशा से सतर्क रहती है. ऐसा नहीं है कि तनाव हुआ है तो हम सतर्क हैं. एयर डिफेंस सिस्टम की जिम्मेदारी हमारी है तो हम सतर्क हैं.'

एयरचीफ मार्शल बी.एस. धनोआ ने कहा, "हम स्वदेशी तकनीक द्वारा पुराने हो चुके लड़ाकू उपकरणों को बदलने का इंतज़ार नहीं कर सकते, न ही हर रक्षा उपकरण को विदेश से आयात करना समझदारी होगी… हम अपने पुराने हो चुके हथियारों को स्वदेश-निर्मित हथियारों से बदल रहे हैं…" इसके अलावा पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को तीन साल का सेवाविस्तार दिए जाने पर एयरचीफ मार्शल बी.एस. धनोआ ने कहा, "मैं नहीं जानता, उनका सिस्टम क्या है, और वह कैसे काम करता है."