पीड़िता को 25 लाख का मुआवजा देने का आदेश

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले से जुड़े सभी पांचों केस उत्तर प्रदेश से बाहर दिल्ली ट्रांसफर कर दिए हैं. शीर्ष अदालत ने इस मामले की रोज़ाना सुनवाई के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपॉइंट जज इन सभी पांच केसों की सुनवाई करेंगे. ट्रायल 45 दिन के अंदर पूरा करना होगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर परिवार चाहे तो पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट कराया जा सकता है. यहां AIIMS के डॉक्टर पीड़िता का इलाज करेंगे.

सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि हम पीड़िता के लिए अंतरिम मदद की अपील भी स्वीकार करते हैं. यूपी सरकार को आदेश दिया जाता है कि वह पीड़िता को अंतरिम मदद के तौर पर 25 लाख की सहायता राशि दे. बाद में जरूरत के हिसाब से आर्थिक मदद की राशि बुलाई जा सकती है.

सीजेआई रंजन गोगोई ने इसके साथ ही लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से पूछा कि क्या पीड़िता को AIIMS एयरलिफ्ट किया जा सकता है? कोर्ट ने कहा कि अगर परिवार चाहे तो पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली लाया जा सकता है. डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ अस्पताल के पास इलाज की सुविधाएं हैं, हालांकि पीड़िता दिल्ली शिफ्ट करने की हालत में है. पीड़िता के साथ-साथ घायल वकीलों के बारे में भी ऐसा ही करने को कहा गया है.

इसके अलावा चीफ जस्टिस ने ये भी पूछा है कि क्या पीड़िता के परिवार को सुरक्षा चाहिए. जिसपर वकील ने अदालत को बताया कि पीड़िता की चार बहनें हैं, माता हैं और एक चाचा हैं जिनकी पत्नी की एक्सीडेंट में मौत हो गई है. इन सभी को सुरक्षा चाहिए. इसपर कोर्ट ने कहा कि पीड़िता, उसके वकील, मां, चारों बहनों और चाचा को तुरंत प्रोटेक्शन दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही सीबीआई को 7 दिन के भीतर दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने का निर्देष दिया है. दरअसल कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि दुर्घटना की जांच में कितना समय लगेगा, इस पर सॉलिसिटर जनरल ने एक महीने का वक्त मांगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सात दिन के भीतर जांच पूरी की जाए.

इससे पहले उन्नाव कांड पर संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि 12 बजे तक सीबीआई के किसी जिम्मेदार अधिकारी को बुलाइए. इस पर मेहता ने कहा कि मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी लखनऊ में हैं. दोपहर तक उनका यहां आना मुश्किल है, इसलिए क्या मामले की सुनवाई कल की जा सकती है.

हालांकि प्रधान न्यायाधीश ने इससे इनकार करते हुए कहा, 'सीबीआई डायरेक्टर से कहिए कि जांच अधिकारी से फोन पर पूरी जानकारी लें और दोपहर 12 बजे तक कोर्ट को अब तक हुई जांच के बारे में बताएं.

वहीं दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि उन्नाव केस से जुड़े सभी मामले उत्तर प्रदेश के बाहर शिफ्ट होंगे. सीजेआई ने कहा कि उन्नाव से जुड़े सारे मामले दिल्ली ट्रांसफर किए जाएंगे. हालांकि कोर्ट ने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं दिया है.