नई दिल्ली: आईआईटी हैदराबाद में एमटेक फाइनल ईयर के एक छात्र ने मंगलवार को अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हॉस्टल के कमरे में उसका शव पंखे से लटकता मिला. इस साल IIT हैदराबाद में सुसाइड का ये दूसरा मामला है.

वाराणसी का रहने वाला मार्क एंड्रयू चार्ल्स नाम का ये छात्र सुसाइड करने से पहले आठ पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़कर गया है. इस नोट में उसने खराब नंबर और अच्छी नौकरी न मिल पाने की आशंका को आत्महत्या की वजह बताया है. उसने इस लेटर में अपने दोस्तों से कहा है- एक ही जिंदगी होती है इसे बर्बाद मत करना, जी लेना.

मार्क ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरे पास कोई जॉब नहीं है और शायद मिलेगी भी नहीं. कोई भी किसी असफल आदमी को नौकरी नहीं देता. मैं अपनी ग्रेड शीट देखकर हैरान हूं. सबकी तरह मेरे भी कुछ सपने थे लेकिन अब सब खत्म हो चुका है. इस तरह की पॉज़िटिव बातें, हमेशा चेहरे पर मुस्कुराहट रखना, मैं ठीक नहीं हूं फिर भी लोगों से कहना कि मैं ठीक हूं.

मार्क ने अपने इस सुसाइड नोट में अपनी फैमिली और दोस्तों से माफी मांगते हुए लिखा है- मैं आपको इस तरह निराश करूंगा ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था. आप लोग मुझे याद भी करें मैं इसके काबिल नहीं हूं. मार्क ने आगे लिखा कि दो साल घर से दूर रहने के बाद भी मेरे चारों तरफ बेहतरीन लोग थे. मैं सबसे अच्छे इंस्टीट्यूट में था लेकिन मैंने सब बर्बाद कर दिया.

मार्क ने अपने सुसाइड नोट में अपनी आखिरी इच्छा भी बताई है. उसने अपने परिवार से अनुरोध किया है कि उसके शरीर का अंतिम संस्कार करने की जगह उसे मेडिकल कॉलेज को दान कर दें. कम से कम मेरी लाश देश के भावी डॉक्टरों के काम तो आएगी.

अपने दोस्तों से अपील करते हुए मार्क ने अपने दोस्तों से माफी मांगी है और अपील की है कि आईटी इंडस्ट्री में अपनी लाइफ बर्बाद न करें. अपने दोस्तों का नाम लिखते हुए उसने कहा है कि अंकित, रज्जो आईटी में काम करते-करते अपनी ज़िंदगी मत भूल जाना. एक-एक पल को जीना क्योंकि एक ही लाइफ मिलती है.

फिलहाल आत्महत्या का केस दर्ज करके पुलिस मामले की जांच कर रही है. मार्क के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

आईआईटी में इस साल ये आत्महत्या का दूसरा मामला है. इससे पहले फरवरी में थर्ड ईयर के स्टूडेंट ने हॉस्टल के 7वें फ्लोर से कूदकर सुसाइड कर लिया था.