नई दिल्ली: राहुल गांधी ने तमाम शंकाओं पर विराम लगाते हुए अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है। राहुल गांधी ने बुधवार को ट्विटर पर एक खुला खत लिखा। उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी हार के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष होना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं इस प्यार के लिए देश और संगठन का आभारी हूं।

ट्विटर पर पोस्ट खुले खत में राहुल गांधी ने लिखा, 'लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की मैं जिम्मेदारी लेता हूं। हमारी पार्टी के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है। इस कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहना मेरे लिए गर्व की बात है।'

उन्होंने लिखा, 'पार्टी को जहां भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं मौजूद रहूंगा।' इसी के साथ ही राहुल गांधी ने ट्विटर पर भी अपना परिचय बदल लिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष हटाकर सांसद और कांग्रेस का सदस्य लिख लिया है।

इससे पहले रांहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अध्यक्ष नहीं हूं। नए अध्यक्ष के लिए जल्द चुनाव हो।’’ उन्होंने यह भी कहा कि नए अध्यक्ष के लिए चुनाव एक महीने पहले हो जाना चाहिए था।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक सत्ता के लिए कभी नहीं रही है। भाजपा के प्रति मेरी कोई घृणा या आक्रोश नहीं है, लेकिन मेरी रग-रग में भारत का विचार है।’’ उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमारे देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का आरएसएस का घोषित लक्ष्य पूरा हो चुका है। हमारा लोकतंत्र बुनियादी तौर पर कमजोर हो गया है। अब इसका वास्तविक खतरा है कि आगे चुनाव महज रस्म अदायगी भर रह जाए।’’

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।