लखनऊ: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन कोष नियमावली-2019 को मंजूरी देने सहित सात प्रस्तावों पर मुहर लगी. दरअसल, चुनावों में इस बार आवारा पशुओं का मुद्दा छाया रहा. हालांकि किसानों ने इसे केंद्र सरकार का मुद्दा न मानते हुए वोट तो दिया, लेकिन स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अगर इस समस्या का निदान नहीं निकला तो प्रदेश सरकार को इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा.

लिहाजा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का स्थायी समाधान करने का मन बना लिया है. इसके लिए गो संरक्षण एवं संवर्धन कोष नियमावली 2019 को मंजूरी देने की तैयारी है. इससे प्रत्येक जिले में गो संरक्षण केन्द्रों के निर्माण और पशुओं के प्रबंधन व संरक्षण के काम में तेजी आएगी.

आज हुई कैबिनेट बैठक में लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आभार व जनता के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया. वहीं, शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी स्टॉकहोल्डर्स का आभार जताया गया.

पारित प्रस्ताव

इसके अलावा यूपी गन्ना आपूर्ति विनिमय और क्रय में बदलाव के प्रस्ताव पर लगी मुहर. कमीशन को हटाकर अंशदान शब्द रख दिया है. इससे टैक्स लाइबिलिटी बढ़ जाती थी. पिछले 2 साल में 1.67 करोड़ रुपये टैक्स में चले गए.

बैठक में राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 1975 में संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया. इसके साथ ही अमेठी में स्थित कॉलेजों को कानपुर विश्वविद्यालय की जगह राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्घ करने पर सहमति बन गई है.

गौ संवर्धन नियमावली में बदलाव किया गया. जिसमें गौ आश्रय स्थल के संचालन की नियमावली बन गई है. इसके लिए कार्पस फंड बनाया जाएगा.

31 मार्च 2018 को समाप्त हुए वर्ष में शराब के उत्पादन व बिक्री के मूल्य निर्धारण के संबंध में सीएजी की रिपोर्ट विधानमंडल के समक्ष पेश करने के लिए राज्यपाल की सहमति लेने की मंजूरी का प्रस्ताव.

2018-19 में प्राविधिक शिक्षा व नागरिक उड्डयन विभाग में एकमुश्त बजट व्यवस्था के अंतर्गत जारी की गई स्वीकृतियों से कैबिनेट को अवगत कराना.