नई दिल्ली: मुंबई स्थित एनआईए की विशेष अदालत ने मालेगांव धमाका मामले के सभी आरोपियों को हफ्ते में कम से कम एक बार अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है। भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और कुछ और लोग इस मामले में आरोपी हैं अदालत ने इन आरोपियों के कोर्ट में हाजिर न होने पर नाखुशी जताई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 मई को होगी।

बता दें कि 8 सितंबर 2006 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव कस्बे में सिलसिलेवार 4 बम धमाके हुए थे। इनमें 40 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 125 लोग घायल हुए थे। महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने जांच में पाया था कि धमाकों में साध्वी प्रज्ञा की मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, यह साबित नहीं पाया कि प्रज्ञा ने उस मोटरसाइकिल का कभी खुद के लिए इस्तेमाल किया। उनकी मोटरसाइकिल रामचंद्र कलासंघ्रा नाम का शख्स चला रहा था। एटीएस ने शुरुआती जांच में 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। साध्वी प्रज्ञा भी इस मामले में जेल जा चुकी हैं।

फिलहाल साध्वी प्रज्ञा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर दिए विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। गुरुवार (16 मई) को साध्वी प्रज्ञा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि नाथूराम गोडसे देशभक्त था, उसे आतंकवादी कहना गलत है। उन्होंने कहा था कि जो लोग नाथूराम को गोडसे को आतंकवादी कह रहे हैं उन्हें अपनी गिरेबान में झांककर देखना चाहिए।

साध्वी प्रज्ञा के बयान से बीजेपी नेतृत्व ने किनारा किया है और उनसे मांफी मांगने को कहा। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनके खिलाफ पार्टी की अनुशासन समिति कार्रवाई करेगी।