नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की बिसात बिछने के बाद देश के राजनीतिक फलक पर बतौर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के आगमन ने सियासी माहौल में नई हलचल पैदा कर दी। यूपी में कांग्रेस के सर्वाइवल की लड़ाई लड़ रही प्रियंका गाँधी वाड्रा जहां केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमले कर रही हैं वहीँ कांग्रेस पार्टी की नीतियों, योजनाओं का जमकर प्रचार कर रहीं हैं | इसी कड़ी में एक मीडिया हाउस को दिए साक्षात्कार में प्रियंका ने 'न्याय योजना' को गेम चेंजर बताया है और बताय है कि कैसे न्याय योजना देश के आर्थिक विकास में मददगार साबित होगी |

प्रियंका ने कहा न्याय एक ऐसी योजना है, जो गेमचेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि आज की जो स्थिति है, उसमें किसान, गरीब, और जो बेरोजगार नौजवान हैं- पूरी तरह से प्रताड़ित और त्रस्त हैं। उनके लिए जो सरकारी सपोर्ट सिस्टम होते थे, जो किसानों के लिए योजनाएं थीं, जो मनरेगा जैसी योजनाएं थीं, उनको कमजोर किया गया। ऐसे समय में अगर उनको एक बेसिक आय और बेसिक समर्थन मिले, जिसके जरिए गरीबी के दलदल से कोई परिवार ऊपर उठ पाए, तो कम से कम वह शुरुआत तो कर सकता है। विकास की आशा तो कर सकता है। इसलिए यह योजना गेम चेंजर साबित होगी। भाजपा ने जान-बूझकर यह दुष्प्रचार किया है कि न्याय योजना के लिए मध्यवर्ग पर करों का बोझ लादा जाएगा। यह एकदम गलत प्रचार है और मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि ऐसा कोई बोझ मिडिल क्लास पर नहीं पड़ेगा। पांच साल में गरीबों, किसानों, महिलाओं, नौजवानों के साथ जो अन्याय हुआ है, उस अन्याय को मिटाने के लिए यह न्याय योजना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

सक्रिय राजनीति में अपने प्रवेश पर प्रियंका ने कहा कि अभी जब लोकतंत्र, संविधान और संस्थाओं पर हमला हो रहा है, तो इस समय घर पर बैठना और राजनीति में न आना कायरता होगी़, और मैं इस कायरता के साथ नहीं जी सकती। सक्रिय राजनीति में उतरने में हुई देरी की बात को मानते हुए प्रियंका ने कहा उस समय जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कह रहे थे कि मैं पार्टी में महासचिव या फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लूं, तब मैंने मना कर दिया। मुझसे उस समय गलती हुई। लेकिन इंसान आखिर अपने अनुभवों से ही सीखता है। इसलिए मैंने भी अपने अनुभव से सीखा और जब अध्यक्ष जी ने अभी कहा, तो मैंने तुरंत निर्णय लिया। मैंने सोचा कि उस समय गलती की थी, लेकिन मैं अब जिम्मेदारी लूंगी।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की संभावनाओं पर बात करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, हमारे उम्मीदवार अच्छे हैं, संगठन उत्साहित है। कार्यकर्ता पूरी तरह से लगे हुए हैं। किसी संगठन में आमतौर पर जो कमियां होती हैं, उनको एक साथ तो दूर नहीं कर सकते, लेकिन सबकी कोशिश यही है कि एक साथ मिलकर अच्छी लड़ाई लड़ें। मैं अभी संगठन की महासचिव हूं। मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए यहां आई हूं। मुझे न तो किसी पद की इच्छा है और न लालच|

कांग्रेस के कारण यूपी में महागठबंधन को नुक्सान पर प्रियंका ने कहा, ऐसा कतई नहीं है। हम पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। हमारा कोई प्रत्याशी गठबंधन का नुकसान नहीं कर रहा है। हमने ऐसे प्रत्याशी दिए हैं, जो भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रवाद मुद्दे पर श्रीमती वाड्रा ने कहा, राष्ट्रवाद की बात तो हम भी कर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रवाद में लोगों का कोई महत्व नहीं है। हम कह रहे हैं कि राष्ट्र के लोगों की सुनो- किसानों की बात, जवानों की बात, नौजवानों की बात, मजदूरों की बात, महिलाओं की बात, ये सब मिलकर राष्ट्रवाद बनाते हैं। हम तो उनकी उनसे सुनकर उनके लिए काम कर रहे हैं। भाजपा का राष्ट्रवाद शुरू मोदी नाम से होता है, खत्म मोदी के नाम पर होता है। तभी तो ‘मोदी की सेना’ जैसा अपमानित करने वाला लहजा होता है इनका।

प्रियंका ने कहा, भाजपा के सभी नेता अपने हर भाषण में पाकिस्तान की बात करते हैं। कांग्रेस का हर नेता अपने हर भाषण में हिन्दुस्तान की बात करता है, हिन्दुस्तान की समस्याओं की बात करता है, नौजवानों की समस्याओं की बात करता है। किसानों की समस्याओं की बात करता है, महिलाओं की समस्याओं की बात करता है, गरीबों की समस्याओं की बात करता है। इस सवाल का यही जवाब है।