नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा के तीसरे चरण के लिए मतदान हुआ। इस दौरान गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए। चुनाव आयोग के अनुसार, गुजरात में 63.67 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की भी कई घटनाएं सामने आयी। गुजरात में चुनाव के दौरान 800 ईवीएम खराब निकली, जिनमें 1533 वीवीपैट मशीनें थी। बता दें कि वीवीपैट, बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट को मिलाकर एक ईवीएम बनती है।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर एक अंग्रेजी अख़बार को बताया कि गुजरात चुनावों में कुल 65,240 वीवीपैट मशीनों, 80,344 बैलेट यूनिट और 62,256 कंट्रोल यूनिट्स का इस्तेमाल किया गया। इनमें से 1533 वीवीपैट, 814 बैलेट यूनिट और 882 कंट्रोल यूनिट में खराबी की शिकायत मिली, जिन्हें बदल दिया गया। इस तरह कुल 2.93 प्रतिशत वीवीपैट, 1.19 प्रतिशत बैलेट यूनिट और 1.70 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट रिप्लेस की गई। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में गड़बड़ी होने की वजह चुनाव स्टाफ का ईवीएम को लेकर कन्फ्यूजन और वीवीपैट मशीन के सेंसर में गड़बड़ी रही। वीवीपैट मशीन के सेंसर सूरज की रोशनी में खराब हो जाते हैं।

गौरतलब बात ये है कि मॉक टेस्ट में भी 711 वीवीपैट, 394 बैलेट यूनिट और 571 कंट्रोल यूनिट में खराबी की शिकायत मिली थी। अधिकारियों के अनुसार, गुजरात में लोकसभा चुनावों के दौरान जिन ईवीएम का इस्तेमाल किया गया, वो नई थी और इससे पहले कहीं भी इस्तेमाल नहीं हुई थी। साथ ही ये मशीनें ईवीएम के नए संस्करण की थी। जिस वजह से चुनाव स्टाफ में भी इसे लेकर थोड़ी सी असमंजस की स्थिति रही। बता दें कि गुजरात के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। उत्तर प्रदेश में सपा मुखिया अखिलेश यादव और आंध्र प्रदेश में तेदेपा सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू भी ईवीएम को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली से नाराजगी जता चुके हैं।