नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस प्रमुखों को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया। इससे पहले इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे को नियुक्त किया गया। संपर्क किए जाने पर न्यायमूर्ति बोबडे ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम के मुताबिक वह सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। उन्होंने बताया कि नंबर 2 जज होने के नाते प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें शीर्ष न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनके (सीजेआई के) खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरापों की जांच के लिए नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति बोबडे ने बताया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के दो न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एनवी रमन और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को शामिल कर एक समिति गठित की है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, 'मैंने समिति में न्यायमूर्ति रमन को शामिल करने का फैसला किया है क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद हैं और न्यायमूर्ति बनर्जी को इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि वह महिला न्यायाधीश हैं।' तीन दिन पहले एक महिला ने हलफनामा जारी कर यौन शोषण के आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। महिला ने अपना हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायधीशों के पास भेजा था। हालांकि प्रधान न्यायधीश ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया था।

बताया जा रहा है कि आरोप लगाने वाली पूर्व कोर्ट स्टाफ को जांच कमेटी पूछताछ के लिए बुला सकती है। पांच साल पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके गांगुली के खिलाफ ऐसी ही जांच हो चुकी है, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया था।