नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री व जनता दल सेक्यूलर के प्रमुख एचडी देवगौड़ा का कहना है कि वे भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी की तरह अभी सक्रिय राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। देवगौड़ा ने कहा कि यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह उनके साथ खड़े रहेंगे।

लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में उनके फैसले के बारे में पूछे जाने पर देवगौड़ा ने कहा कि मैंने तीन साल पहले चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, ‘अब परिस्थितियां ऐसी हो गई हैं कि मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। मेरी अब ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं रह गई है जिसे मैं पूरा करना चाहता हूं लेकिन जैसा मैं हमेशा कहता हूं कि मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास नहीं लेने जा रहा हूं।’

पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा इस बार कर्नाटक के तुमकुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने देवगौड़ा के खिलाफ जीएस बसवाराज को चुनाव मैदान में उतारा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे आडवाणी की तरह रिटायर होना चाहते हैं तो इस पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नहीं। देवगौड़ा ने कहा, ‘मैं पहले अपनी पार्टी की सेवा करना चाहता हूं इसके बाद पार्टी कार्यालय की।’

देवगौड़ा के नाम पर सर्वसम्मति बनने की स्थिति में पीएम बनने संबंधी अपने बेटे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बयान पर उन्होंने कहा, ‘मुझे इसके बारे में कोई चिंता नहीं है। मेरी चिंता है कि क्या मोदी संसद पहुंचेंगे।’

उन्होंने कहा कि उनमें इतनी हिम्मत है कि वह इस बात को पीएम के मुंह पर भी कह सकते हैं। देवगौड़ा ने कहा, ‘यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह उनके साथ बैठेंगे। प्रधानमंत्री बनना बहुत जरूरी नहीं है।’

कांग्रेस के बारे में अपनी प्रतिबद्धता पर उन्होंने कहा, ‘मैडम सोनिया गांधी ने देवगौड़ा को समर्थन करने का निर्णय लिया भले ही हम छोटी पार्टी थे। अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं कांग्रेस के साथ आगे बढ़ूं। हालांकि, मैं इस बात पर सहमत हूं कि कुछ राज्यों में गठबंधन का सवाल ही नहीं है।

तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके साथ ही महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन है।’ पार्टी के स्थान पर परिवार को तरजीह देने के सवाल पर पूर्व पीएम ने कहा, ‘कई लोगों ने मेरे साथ काम किया। इसके बाद वे कांग्रेस या भाजपा में चले गए लेकिन मैंने पार्टी के बरकरार रखा। मैंने कभी अपने परिवार के सदस्य को पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनाया।’