विशाखापत्तनम: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जता दी है। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह बेहतर सरकार चलाकर दिखा देंगी। बुधवार (तीन अप्रैल, 2019) को उन्होंने विशाखापत्तनम में एक कार्यक्रम के दौरान कहा- ‘‘अगर अवसर मिलता है’’ तो मैं केंद्र में ‘‘सबसे बढ़िया सरकार’’ देने में उत्तर प्रदेश के सीएम के रूप में मिले अनुभव का प्रयोग करूंगी।

बसपा चीफ ने कहा कि वह चार बार सूबे की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। बकौल मायावती, ‘‘मुझे बहुत अधिक अनुभव है। मैं इस तजुर्बे का इस्तेमाल केंद्र में और लोगों के कल्याण के लिए करूंगी। अगर हमें केंद्र में अवसर मिलता है, हम उप्र के तरीके को अपनायेंगे और सभी दृष्टिकोणों से सबसे बढ़िया सरकार देंगे। सभी स्तरों पर एक अच्छी सरकार।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री बनना चाहेंगी? जवाब आया, चीजें तब स्पष्ट होंगी जब 23 मई को आम चुनावों के परिणाम आ जाएंगे।

बता दें कि बसपा, आंध्रप्रदेश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव में जन सेना, माकपा और भाकपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। बसपा राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से तीन एवं विधानसभा की 175 सीटों में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जन सेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण भी इस अवसर पर मौजूद थे।

मायावती ने आगे कहा कि लोग राष्ट्रीय स्तर पर ‘बदलाव चाहते’ है। उन्होंने बताया, “साल 2014 के चुनावों में मेरी पार्टी वोट शेयर के मामले में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर थी।” क्या एक ‘तीसरे मोर्चे’ की जरूरत है? सवाल पर वह बोलीं कि चुनावी नतीजे आने पर ही यह स्पष्ट हो पाएगा। हालांकि, उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि राज्य में हुआ उनका गठबंधन आंध्रप्रदेश में सरकार बनाएगा और पवन कल्याण उसके मुख्यमंत्री होंगे।