नई दिल्ली: नई दिल्ली: ISRO ने इतिहास रच दिया है. एमिसैट सैटेलाइट लॉन्च कर दिया गया है. एमिसैट (EMISAT) का प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट पर सुबह 6.27 बजे उल्टी गिनती शुरू हुई. एमिसैट के साथ रॉकेट तीसरे पक्ष के 28 उपग्रहों को ले गया और तीन अलग-अलग कक्षों में नई प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी किया.

लॉन्चिंग से पहले इसरो (ISRO) ने कहा कि रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर के कक्षा में स्थापित करेगा. इसके बाद यह 28 उपग्रहों को 504 किमी की ऊंचाई पर उनके कक्षा में स्थापित करेगा. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद रॉकेट को 485 किमी तक नीचे लाया जाएगा जब चौथा चरण/इंजन तीन प्रायोगिक भार ले जाने वाले पेलोड के प्लेटफॉर्म में बदल जाएगा. इस पूरे उड़ान क्रम में 180 मिनट लगेंगे. रॉकेट सोमवार को 9.27 मिनट पर उड़ान भरेगा. 28 अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों का वजन 220 किलोग्राम होगा. इसमें 24 अमेरिका, दो लिथुआनिया के व स्पेन व स्विट्जरलैंड के एक-एक उपग्रह शामिल हैं.

इसरो (ISRO) के अध्यक्ष के. सिवान ने आईएएनएस से पहले कहा था, "यह हमारे लिए विशेष मिशन है. हम चार स्ट्रैप ऑन मोटर्स के साथ एक पीएसएलवी रॉकेट का इस्तेमाल करेंगे. इसके अलावा पहली बार हम तीन अलग-अलग ऊंचाई पर रॉकेट के जरिए ऑर्बिट में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं."