नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार का लोकसभा चुनाव दो जगह अमेठी और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से लड़ेंगे। पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने आज मीडिया को यह जानकारी दी। इस मौके कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राहुल गांधी दो जगह से चुनाव लड़ने का कारण बताया और कहा कि अमेठी राहुल गांधी की कर्मभूमि है वह हमेशा यहां से चुनाव लड़ते रहेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार, केरल की वायनाड सीट दक्षिण भारत के तीन राज्यों से तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के बीच में है इसलिए यहां से चुनाव लड़कर राहुल गांधी दक्षिण भारत के तीन राज्यों का प्रतिनिधित्व कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से तीनों राज्यों के लोगों की मांग थी कि राहुल गांधी उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत को भी अपना नेतृत्व प्रदान करें इसलिए राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। सुरजेवाला ने बताया कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत के खान-पान और संस्कृति में काफी अंतर है ऐसे में राहुल गांधी यहां से चुनाव लड़कर इस दो इलाकों की एकता को और मजबूती प्रदान करने का काम करेंगे।

केरल की 20 लोकसभा सीटों में से एक वायनाड भी है। केरल का यह जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वायनाड वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के लिए मशहूर है। यहां हाथी और बाघ जैसे जानवार देखने को मिलते हैं। वायनाड एक अलग जिले के रूप में 1 नवंबर 1980 को अस्ति त्वल में आया। इसे कोझिकोड और कन्नूकर से अलग करके जिला बनाया गया था। यहां का व्यगथरी जैन मंदिर काफी प्रसिद्ध है। वायनाड में टीपू सुल्ता न के शासनकाल में अंग्रेजों ने हमला किया था। इस जिले की सीमाएं कर्नाटक और तमिलनाडु से मिलती हैं। वायनाड एक नवसृजित लोक सभा क्षेत्र है और इसमें 3-3 जिले कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुसरम के 7 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

यहां की 93.15 फीसदी आबादी ग्रामीण है और महज 6.85 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं। पिछले बार के लोकसभा चुनाव में कुल 73 फीसदी यानि 915066 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया ता, जिसमे से पुरुष मतदाताओं की संख्या 454300 और महिला मतदाताओं की संख्या 460706 है।

2008 में परिसीमन के बाद यह लोक सभा सीट घोषित हुई। यहां पहली बार 2009 में चुनाव हुए। पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस के एमआई शनावास जीते थे। उन्होंने अपने निकट्तम प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) कैंडिडेट एडवोकेट एम. रहमतुल्ला को 1,53,439 वोटों से हराया था।

यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां हैं कांग्रेस, सीपीआई, बीजेपी, एसडीपीआई, डब्लूीपीआई और आप हैं। निर्दलीय भी यहां से बड़ी संख्या में अपना भाग्य आजमाते रहे हैं।

2014 के लोक सभा चुनाव में केरल प्रदेश कांग्रेस के महासचिव एमआई शनावास ही जीते थे। उन्हें 3,77,035 वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीपीआई उम्मीदवार पीआर सत्यन मुकरी को 20,870 वोटों से हराया था। शनावास केरल स्टूडेंट्स यूनियन के माध्यम से राजनीति में आए थे और उन्होंने युवा कांग्रेस तथा सेवा दल के लिए भी काम किया था।