नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राजनीतिक पार्टियां लोगों को लुभाने की तमाम कोशिशें कर रही है. इसी बीच राहुल गांधी ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है, तो वो लोगों को मिनिमम इनकम की गारंटी देंगे. हालांकि नीति आयोग बेसिक इनकम की गांरटी की बात से इत्तेफाक नहीं रखता है और इसे संभव नहीं मानता है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जरिए गरीबों के लिए न्यूनतम आय की गारंटी के वादे को नीति आयोग ने अकल्पनीय करार दिया है. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार कहते हैं कि यह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 'गरीबी हटाओ' नारे के समान है.

कुमार ने यूनिवर्सल बेसिक इनकम के विचार का विरोध किया. NITI Aayog के वाइस चेयरमैन ने कहा कि कांग्रेस को देश को यह समझाने की जरूरत है कि वह न्यूनतम आय गारंटी जैसी स्कीम का खर्च कैसे उठा सकती है.

उन्होंने कहा 'मुझे नहीं लगता कि यह व्यावहारिक है. मुझे लगता है कि यह अधिक लफ्फाजी है. यह 'गरबी हटाओ' के समान है और मुझे नहीं लगता कि इसका कार्यान्वयन संभव होगा. हमारे पास न तो उस तरह का राजकोषीय स्थान है, न ही उस तरह का पूरा डेटा जिसकी आपको जरूरत है, जिससे आप इसे लागू कर सकें.'

उनका कहना है 'मुझे लगता है कांग्रेस ने सभी विवरणों को पूरी तरह से अस्पष्ट छोड़ दिया है और केवल एक व्यापक घोषणा की है.'