नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नितिन गडकरी को लेकर चल रहे अफवाहों पर विराम लगाने की कोशिश की है। देहरादून में संघ के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी षड्यंत्रकारी मानसिकता के व्यक्ति नहीं हैं और अपने मंत्रालय से खुश हैं। हाल के दिनों में नितिन गडकरी के बयानों से यह साफ झलकने लगा था कि वो पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी से खुश नहीं हैं। नितिन गडकरी नागपुर से सांसद हैं और संघ के करीबी माने जाते हैं। इन्हें मोदी सरकार के सबसे बेहतरीन काम करने वाले मंत्री का तमगा भी प्राप्त है।

मोहन भागवत ने ये भी कहा है कि उनकी नितिन गडकरी से कोई बात नहीं हुई है। यह बीजेपी का आंतरिक मामला है। नितिन गडकरी ने भी हाल ही में आरोप लगाया था कि मीडिया उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। लेकिन उनके बयानों से साफ है कि मोदी-शाह की जोड़ी पर ही उन्होंने हमला किया था। ऐसा माना जाता है कि जब अमित शाह को गुजरात से कोर्ट ने तड़ीपार कर दिया तो उस समय नितिन गडकरी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और गडकरी उन्हें मुलाकात के लिए घंटों इंतजार करवाते थे।

जब अमित शाह 2014 में पार्टी के अध्यक्ष बने तो उन्होंने नितिन गडकरी से अपना बदला लिया। दरअसल गडकरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन पीएम मोदी और शाह ने गडकरी के अरमानों पर पानी फेर दिया। और अब तीन राज्यों में भाजपा की चुनावी हार के बाद नितिन गडकरी केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ खुल कर सामने आ गए हैं। लेकिन एक विरोधाभास ये भी है कि हाल ही में बीजेपी के कार्यकारिणी की बैठक में नितिन गडकरी ने ही प्रधानमंत्री मोदी को फिर से पीएम बनाने का प्रस्ताव पेश किया था।

देश के कई मीडिया संस्थानों के समिट में जब इस बात को नितिन गडकरी से पूछा गया तो उन्होंने इसकी संभावनाओं को खारिज कर दिया। बीते साल वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना बायोडाटा कभी किसी को नहीं दिया है, ना ही वो अपना कटआउट लगाते हैं, ना ही मीडिया में किसी से सहयोग मांगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के उनके हैसियत के हिसाब से बहुत ज्यादा दिया है। उन्होंने कहा कि जब वो दिल्ली आये थे तो उनसे एक नेता ने कहा, ''नितिन जी आपको कुर्ता और धोती पहनना चाहिए, अगर आपको कुछ बड़ा प्राप्त करना है। मैंने उनसे कहा कि मैं जो पहनता हूँ, उसी को पहनते रहूंगा, चाहे कुछ मिले या नहीं।''