मुंबई: मुंबई में आयोजित नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) में एक प्रदर्शनी के दौरान दिग्गज फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर का भाषण बीच में रोक दिया गया। उस वक्त वे सरकारी सेंसरशिप के खिलाफ बोल रहे थे। पालेकर ने बोलने की आजादी पर लगाई गई इस पाबंदी को लेकर चिंता जाहिर की है। बता दें कि यह कार्यक्रम कलाकार प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित किया गया था।

अपने भाषण के दौरान पालेकर ने आर्ट गैलरी की स्वतंत्रता पर चिंता जाहिर की। साथ ही, इसके काम-काज के तरीके पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘अक्टूबर 2018 तक नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की एक सक्रिय सलाहकार समिति थी, जिसमें स्थानीय कलाकारों का प्रतिनिधित्व होता था। अब इस समिति को सीधे संस्कृति मंत्रालय नियंत्रित करता है।’’

अमोल पालेकर ने कहा, ‘‘एनजीएमए कलात्मक अभिव्यक्ति और विविध कलाओं को देखने का पवित्र स्थान है, जिस पर नियंत्रण किया जा रहा है। यह मानवता के खिलाफ युद्ध की तरह है, जिससे मैं काफी ज्यादा आहत हूं। सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि एकतरफा लागू होने वाले इन आदेशों का विरोध नहीं किया जाता है।’’

भाषण के दौरान पालेकर को कई बार टोका गया। सबसे पहले कलाकार और सलाहकार समिति की पूर्व चेयरमैन सुहास बहुल्कर ने पालेकर को प्रभाकर बर्वे और उनके कार्यों के बारे में बोलने के लिए कहा। वहीं, शो क्यूरेट जेसल थैकर ने विरोध जताया तो पालेकर ने नयनतारा सहगल का जिक्र किया, जिन्हें मराठी लिट्रेचर इवेंट में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वर्तमान राजनीतिक माहौल पर स्पीच के चलते भाषण देने नहीं दिया गया था। बार-बार विरोध के चलते पालेकर अपना भाषण पूरा नहीं कर सके और उन्हें मजबूरन मंच छोड़ना पड़ गया।

अमोल पालेकर ने कहा, ‘‘भाषण के दौरान हुई टोकाटाकी से मैं काफी ज्यादा आश्चर्यचकित हूं। पहले मैं दुविधा में था कि क्या मुझे उस मुद्दे पर बात करनी चाहिए, जो मैंने उठाया था, लेकिन अब मुझे अहसास हो चुका है कि मैं शांत नहीं रह सकता। काफी कलाकार समिति की नीति में हो रहे बदलाव के बारे में जानते हैं और बहस कर रहे हैं। मैं अब चुप नहीं रह सकता।’’