जकार्ता : इंडोनेशिया में सुनामी एक बार फिर कहर बनकर गुजरी है। यहां सुनामी के चलते 168 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 600 अन्‍य घायल हो गए हैं। सुनामी के कारण यहां जानमाल का व्‍यापक नुकसान हुआ है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां अनक कराकातू ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट के कारण समुद्र के भीतर भूस्खलन हुआ और यह सुनामी की वजह हो सकती है। वैज्ञानिकों ने हालांकि पूर्ण चंद्रमा के कारण समुद्र में ज्‍वार भाटा को भी इसकी वजह के तौर पर बताया है। सुनामी के कारण यहां 168 लोगों की मौत हो गई है तो करीब 600 घायल हो गए हैं, जबकि कई घर नष्‍ट हो गए। सुमात्रा और जावा में सुनामी के कारण भारी तबाही हुई है। राजधानी जकार्ता का पश्चिमी हिस्‍सा भी सुनामी के कारण प्रभावित हुआ है।

सुनामी में बाल-बाल बचे एक शख्‍स ने बताया कि वह शनिवार रात ज्‍वालामुखी विस्‍फोट के बाद तस्‍वीरें लेने में जुटे थे कि तभी उन्‍होंने अपनी ओर तेजी से आती समुद्री लहरों को देखा। इसके के बाद वह वहां से भाग पड़े। फिर उन्होंने देखा कि समुद्री से आई दूसरी लहर उस होटल परिसर तक पहुंच गई, जहां वह अपने परिवार के साथ ठहरे हुए थे। इसके बाद वह किसी तरह जंगलों और गांवों से होते हुए ऊंचाई वाले स्‍थान पर पहुंचे, जहां स्‍थानीय लोगों ने उनकी मदद की।

इंडोनेशिया में सितंबर के आखिर में भी भूकंप व सुनामी से भारी तबाही हुई थी। सुलावेसी द्वीप में हुई इस त्रासदी में 1400 से अधिक लोगों की मौत हो गई। वहां माउंट सोपुतन नाम का ज्‍वालामुखी भी फटा था, जिसकी राख आसमान में 6,000 मीटर (19,700) तक उठी थी। बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत के बाद वहां शवों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्र खोदी गई थी।