भारत में रिटेल सेक्टर के लिए यह बहुत बढ़िया समय है। देश की युवा आबादी, बढ़ती आमदनी व खपत, अद्भुत प्रतिभा, अंग्रेजी बोलने वाले लोगों की उपलब्धता, बेहतर कनेक्टिविटी, उद्यमिता का माहौल और साथ में सरकार द्वारा ढांचागत सुधार जैसे जीएसटी एवं ’कारोबार में आसानी’ जैसे प्रोत्साहन के चलते भारत दुनिया की सबसे आकर्षक व खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

वास्तव में, उद्योग के अनुमानों के मुताबिक भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी खपत वाली अर्थव्यवस्था (यूएस डाॅलर 3.6 ट्रिलियन) बनने की ओर अग्रसर है तथा रिटेल मार्केट जो अभी 600 बीलियन यूएस डाॅलर का है वह 2027 तक 1.8 ट्रिलियन यूएस डाॅलर हो जाने की उम्मीद है। आईबीईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में, यह सेक्टर देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत से अधिक योगदान दे रहा है और 8 प्रतिशत रोजगार इसी में है। इस वर्ष संगठित खुदरा बिक्री ने दो अंकों की दमदार वृद्धि की क्योंकि अब ई-काॅमर्स कंपनियां भी किराने का सामान बेचने लगी हैं तथा फैशन व इलेक्ट्राॅनिक ऐक्सैसरीज़ जैसे सैगमेंट्स में अपने प्राइवेट लेबल लांच किए हैं। आसान कर्ज के लिए वित्तीय समाधानों से इस उद्योग को और ज्यादा बल मिला है। इस दौरान, वर्चुअल रियलिटी समेत नई प्रौद्योगिकियां खुदरा बाजार को नया आकार दे रही हैं, ये बदलाव बड़े ही दिलचस्प व अप्रत्याशित तरीकों से हो रहे हैं तथा ये ’इमर्सिव’ अनुभव प्रदान कर रहे हैं।

चाहे आॅफलाइन हो या आॅनलाइन, रिटेल उद्योग वृद्धि के लाभकारी चक्र को चलाता रहेगा। रिटेल खपत को आगे बढ़ाता है जिससे मांग उत्पन्न होती है और इस तरह से क्षमता सर्जन/ उपयोग हो पाता है। यह चक्र स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करता है, लोगों के हाथ में खर्च करने योग्य ज्यादा आमदनी आ पाती है, जिसके परिणामस्वरूप खपत का चक्र चलता रहता है और वह अर्थव्यवस्था की वृद्धि में योगदान देता है। भारत की अर्थव्यवस्था खपत से आगे बढ़ती है और अनुमान है की यहां की खपत आगामी दस वर्षों में 3.6 ट्रिलियन यूएस डाॅलर को छू लेगी और चीन-अमेरिका को पीछे छोड़ देगी।

वालमार्ट के लिए भारत प्राथमिकता वाला बाजार है और हम अपना कारोबार बढ़ाते व साझा मूल्य रचते हुए देश के समावेशी विकास में योगदान करने के लिए गहनता से समर्पित हैं। वास्तव में भारत के लिए वालमार्ट की प्रतिबद्धता बहुआयामी है, कैश एंड कैरी कारोबार, वैश्विक सोर्सिंग शाखा, वालमार्ट टेक्नोलाॅजी सेंटर और हाल ही में फ्लिपकार्ट में निवेश द्वारा कंपनी ने राष्ट्रीय व स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में योगदान दिया है। बैस्ट प्राइस ब्रांड नाम वाले अपने कैश एंड कैरी स्टोर्स के जरिए वालमार्ट इंडिया सन् 2009 में अपना परिचालन आरंभ करने के बाद से अब 10 लाख से अधिक सदस्यों को सेवाएं दे रही है, जिनमें अधिकांश किराना/रिसैलर हैं। वर्तमान में कंपनी के 23 बी2बी कैश एंड कैरी स्टोर तथा 2 फुलफिलमेंट सेंटर हैं और अगले 4-5 सालों में कंपनी 50 नए स्टोर्स खोलने की राह पर अग्रसर है। इस प्रकार कंपनी -हजारों स्थानीय रोजगार उत्पन्न करके, किसानों से सीधी खरीद बढ़ाकर, स्थानीय सप्लायर एवं क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित कर के, महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हुए तथा कचरा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग, पानी की रिसाइकलिंग/वाटर हारवैस्टिंग, सिंगल यूज़ प्लास्टिक की जगह चरणबद्ध तरीके से स्थायी समाधान का इस्तेमाल करते हुए- साझा मूल्य की रचना करेगी।