नई दिल्लीः दिल्ली के साकेत कोर्ट ने बुधवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ वारंट (BW- जमानती वारंट) जारी किया है। हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर पर रियल इस्टेट फ्रॉड करने का आरोप है। खबरों के मुताबिक गंभीर एक रियल इस्टेट कंपनी के ब्रैंड एमबेस्डर बने थे और इस कंपनी व उसके निदेशक के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।

खबरों के मुताबिक क्रिकेटर गौतम गंभीर रियल इस्टेट ग्रुप रुद्रा बिल्डवेल रिएलिटी प्रा.लि. के ब्रैंड एमबेस्डर थे। अब कंपनी के निदेशक मुकेश खुराना व एचआर इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक- गौतम मेहता) पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। उन पर एनसीआर (NCR) में तमाम निवेशकों के पैसों का गबन करने का आरोप है। आरोप है कि कंपनी ने गौतम गंभीर के नाम का फायदा उठाते हुए तमाम निवेशकों से करोड़ों रुपये लिए हालांकि कंपनी लोगों को वादे के हिसाब से घर देने में असफल रही। इंद्रापुरम के एक बिल्डिंग प्रोजेक्ट में उन पर बेइमानी के बड़े आरोप लगे हैं।

पहले गंभीर की पुनर्विचार याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था जिसमें गंभीर ने दावा किया था कि वो सिर्फ ब्रैंड एमबेस्डर की भूमिका निभा रहे थे और उनका नाम किसी चार्जशीट में भी नहीं है। अब सूत्रों के मुताबिक ताजा मामला ये है कि साकेत कोर्ट सीएमएम श्री मनीष खुराना ने गंभीर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है। रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने भी रुद्रा ग्रुप को प्रोजेक्ट में देरी करने के कारण डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया है।

भारतीय क्रिकेट टीम के इस पूर्व बल्लेबाज ने हाल ही में फेसबुक वीडियो के जरिए क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया था। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश के खिलाफ दिल्ली के लिए खेलते हुए अपना अंतिम मैच खेला। गंभीर ने अपने शानदार क्रिकेटर करियर में भारत के लिए 58 टेस्ट मैच, 147 वनडे मैच और 37 टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले।