सज्जन कुमार की उम्रकैद पर पीड़िता की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 1984 सिख विरोधी दंगे के एक मामले में निचली अदालत के फैसले को बदलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उनके साथ मामले में तीन अन्य दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि मामले में पांच अन्य को भी दोषी ठहराया गया है।

उल्लेखनीय है कि साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके बॉडीगॉर्ड सतवंत सिंह व बेअंत सिंह की हत्या किए जाने के बाद दिल्ली व पूरे देश में सिख विरोधी दंगे हुए। इसमें हजारों जाने गईं।

मामले में अर्से से आरोपियों को लेकर मुखर सिख दंगे की पीड़िता व चश्मदीद निरप्रीत कौर ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा होने पर टीवी चैनलों से बात की।

निरप्रीत कौर ने कहा, मैंने सज्जन कुमार को देखा था। वे पुलिस गाड़ी में खड़ा था। वे आवाज लगा रहा था। एक भी सरदार बचना नहीं चाहिए। जो भी हिन्दू, सरदारों को बचा रहे हैं, उन्हें भी जला दो।

उन्होंने कहा, "सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा मिलने से अब उन्हें थोड़ी रिलीफ मिली है। तब दंगे में मेरे पिता को जिंदा जला दिया गया। उन्होंने तीन बार बचने की कोशिश की।"

इसके बाद उन्होंने कहा, जब तक हम जिंदा हैं, तब तक लड़ाई जारी रहेगी। यह पूछे जाने पर कि कमलनाथ को मध्यप्रदेश का सीएम नियुक्त करने पर उनकी क्या राय है, पर उन्होंने कहा कि यह सिखों की गलती है। क्योंकि कई सिख अब भी कांग्रेस के साथ हैं। जब‌कि अकाली दल ने हमें वोट बैंक के लिए यूज किया लेकिन कोई प्रभावशाली कार्रवाई नहीं कराई।