नई दिल्ली : राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इस पर मचे सियासी घमासान के बीच केंद्र सरकार एक बार फिर SC पहुंची है. सरकार ने याचिका दाखिल कर राफेल डील पर दिये गए फैसले में एक ''तथ्यात्मत सुधार'' की मांग की है. केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से फैसले के उस पैराग्राफ में संशोधन की मांग की है, जिसमें कैग रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बारे में संदर्भ है. एक विधि अधिकारी ने बताया कि अदालत को अवगत कराने के लिए याचिका दायर की गयी है कि कैग और पीएसी से जुड़े मुहरबंद दस्तावेज के मुद्दे पर अलग-अलग व्याख्या की जा रही है. आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि कैग के साथ कीमत के ब्यौरे को साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने गौर किया.

कैग और पीएसी के मुद्दे के बारे में शीर्ष अदालत के फैसले के पैराग्राफ 25 में इसका जिक्र है. फैसले में कहा गया था कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदारी में किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई. फैसले में कहा गया कि उसके सामने रखे गए साक्ष्य से पता चलता है कि केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमान पर मूल्य के विवरणों का संसद में खुलासा नहीं किया, लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के सामने इसे उजागर किया गया. शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके सामने इस तरह की रिपोर्ट नहीं आयी थी.