नई दिल्ली: राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अगले दिन दिग्गज कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने सरकार पर निशाना साधा है। कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इसके लिए अटॉर्नी जनरल को पीएसी के सामने बुलाया जाना चाहिए और उनसे पूछा जाना चाहिए कि गलत तथ्य को दिए।' सिब्बल ने इसे गंभीर मामला बताया।

कपिल सिब्बल ने कहा कि हम बहुत स्पष्ट हैं कि इन मुद्दों का फैसला किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट एक उचित मंच नहीं है। हमें सवाल पूछने की जरूरत है। वहीं, कपिल सिब्बल ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे दूरबीन खरीदने के लिए कहा गया था। मैं यह बीजेपी अध्यक्ष को गिफ्ट करूंगा। उन्होंने कहा था कि तीन राज्यों में चुनाव के बाद कांग्रेस को देखने के लिए दूरबीन की जरूरत पड़ेगी।

वहीं, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल विमान सौदे से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में शनिवार सुबह कहा कि वह पीएसी के सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को बुलाकर पूछा जाए कि राफेल मामले में कैग की रिपोर्ट कब और कहां आई है। खड़गे ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जांच एजेंसी नहीं है। सिर्फ जेपीसी राफेल सौदे की जांच कर सकती है।

खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोर्ट के समक्ष कैग रिपोर्ट तौर पर गलत जानकारी रखी जिस वजह से इस तरह का निर्णय आया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने संवाददाताओं से कहा, 'राफेल के बारे में न्यायालय के सामने सरकार को जिन चीजों को ठीक ढंग से रखना चाहिए था, वो नहीं रखा। अटॉर्नी जनरल ने इस तरह से पक्ष रखा कि न्यायालय को यह महसूस हुआ कि कैग रिपोर्ट संसद में पेश हो गई है और पीएसी ने रिपोर्ट ने देख ली है।'