नई दिल्ली: तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों के लिए 7 दिसंबर को वोटिंग होने के बाद अब 11 दिसंबर को आने वाले रिजल्ट का इंतज़ार है. वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल्स के अनुमानों में राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति को बहुमत मिलता दिखाया गया है. हालांकि बीजेपी खुद को अभी भी रेस से बाहर नहीं मान रही है. तेलंगाना बीजेपी ने केसीआर को ऑफर दिया है कि अगर वो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के साथ जाने का फैसला छोड़ दें, तो बीजेपी उनसे हाथ मिलाने को तैयार है.

एग्जिट पोल्स के अनुमानों के मुताबिक, तेलंगाना में चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस को 119 सीटों में से 67 सीटें मिल सकती है, जबकि कांग्रेस व अन्य को 39, बीजेपी को 5 और अन्य को 8 सीटें मिलने का अनुमान है. राज्य में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन पाने के लिए बहुत कुछ है. अगर केसीआर की पार्टी बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाती है तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने-अपने सियासी समीकरण साधने में पीछे नहीं हटेंगी.

तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने दावा किया कि राज्य में मौजूदा हालात ऐसे हैं कि कोई भी दल बिना भगवा पार्टी के समर्थन के सरकार नहीं बना सकता. उन्होंने कहा, 'अगर केसीआर बहुमत से दूर रहते हैं तो बीजेपी उन्हें सपोर्ट करने को तैयार है, लेकिन हमारी एक शर्त है. बीजेपी का साथ पाने के लिए केसीआर को ओवैसी का मोह छोड़ना होगा.'

एग्जिट पोल्स के मुताबिक, तेलंगाना में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को इस बार 6 से 8 सीटें मिल सकती हैं. 2014 के चुनाव में उसे 7 सीटें मिली थीं. इस बार एआईएमआईएम को एक सीट का नुकसान या एक सीट का फायदा हो सकता है, जबकि बीजेपी को 6 से 8 सीटें मिल सकती हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को यहां 5 सीटें मिली थीं.

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, बीजेपी को लगता है कि 2019 में सरकार बनाने के लिए अगर उसे कुछ क्षेत्रीय दलों के सहयोग की जरूरत पड़ी, तो टीआरएस से समर्थन मिल सकता है. क्योंकि इस पार्टी के पास राष्ट्रीय राजनीति में टीडीपी से मुकाबला करने के लिए एनडीए के साथ आने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा.