नई दिल्ली: राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया. अब वहां चुनाव होने की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. ताजा घटनाक्रम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (चीफ इलेक्शन कमिश्नर) ओपी रावत ने कहा कि हमें विधानसभा भंग की जानकारी 21 नवंबर को मिली. चुनाव आयोग अब इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों को एकजुट करेगी. अगले सप्ताह हम चुनाव कराने पर विचार करेंगे.

ओपी रावत ने कहा कि विधानसभा भंग होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि सबसे पहले वहां चुनाव की व्यवस्था की जाए. चुनाव आयोग के पास प्रदेश में चुनाव कराने के लिए 6 महीने का वक्त है. इतना वक्त हमारे लिए चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त है. यहां चुनाव कराने से पहले प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल जान लेना बेहद जरूरी है.

बता दें, सत्यपाल मलिक ने कहा कि पिछले 15 दिनों से उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायतें मिल रही थीं. खरीद-फरोख्त को खत्म करने के लिए ही उन्होंने विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी उन्हें विधायकों के खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी.