नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कस्टोडियल मौत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है. यूपी के 15 रिटायर्ड और कार्यरत पीएसी जवानों को दोषी ठहराया गया है. पीएसी के जवानों पर मेरठ के हाशिमपुरा में रहने वाले 41 लोगों की हत्या करने का आरोप है. सभी दोषी जवान 22 नवंबर को दिल्ली की कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं. वहीं अपने बचाव और पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर सकते हैं.

सुरेश चंद शर्मा बुलंदशहर, यूपी में रहते हैं. सुरेश 2011 में पीएसी से रिटायर्ड हो चुके हैं. जिन 15 लोगों को दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया है उसमे सुरेश भी शामिल हैं. न्यूज18 हिन्दी को सुरेश ने बताया, "हम 19 लोगों पर ये आरोप लगाया गया था. अब सिर्फ 15 लोग ही जिंदा बचे हैं. बुलंदशहर के ही रहने वाले एक अन्य पीएसी जवान कमल सिंह की कुछ महीने पहले अगस्त में ही मौत हुई है. एक अभी भी नौकरी कर रहा है. कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हम 22 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं."

उन्होंने कहा, "हमें अभी भी कोर्ट पर पूरा भरोसा है. इसी के चलते हम दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर रहे हैं. अभी बहुत सारी चीज ऐसी हैं जो इस केस में छूट रही हैं. हम सभी 15 लोग वकीलों के संपर्क में हैं. दो लोगों की उम्र इस वक्त 70 से अधिक हैं तो बाकी सभी 68 वर्ष से भी कम उम्र के हैं.”