नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन के जवानों पर हमला बोल दिया। इस हमले में सीआरपीएफ के चार जवान शहीद हो गए हैं जबकि दो अभी भी घायल हैं। बताया जा रहा है कि ये जवान मुरदोंडा से बासागुडा जा रहे थे। आवापल्ली और मुरदोंडा के बीच हुए इस हमले में नक्सलियों ने आईईडी का इस्तेमाल किया था। नक्सलियों ने आईईडी के धमाके से सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रहे वाहन को उड़ा दिया था।

बीजापुर जिले के एएसपी दिव्यांग पटेल ने स्थानीय मीडिया को जानकारी दी है। बताया गया कि प्राथमिक सूचना के मुताबिक, जब जवान गश्त पर निकले थे, उसी वक्त नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट करके वाहन को उड़ा दिया और घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में चार जवान शहीद हुए हैं जबकि दो जवान घायल हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि ये धमाका जवानों के कैंप के बेहद नजदीक किया गया है। विधानसभा चुनाव के कारण कैंप में इस वक्त करीब 5,000 से ज्यादा जवान मौजूद हैं। इसके बावजूद नक्सलियों ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।

इससे पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर में 15 जुलाई को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ के दौरान जमकर गोलाबारी हुई। इस लड़ाई में दो जवान शहीद हो गए जबकि एक जवान को गंभीर चोटें आईं थी। कांकेर में घटना के बाद डीआईजी (नक्सल विरोधी आॅपरेशन) सुंदरराज पी. ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया,”मुठभेड़ प्रतापपुर थाना क्षेत्र में बीएसएफ के महला कैंप के पास के जंगल में हुई है। हमला उस वक्त किया गया जब बीएसएफ की 114वीं बटालियन माओवादी विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देकर लौट रही थी।”

डीआईजी सुंदरराज पी. के मुताबिक नक्सलियों को जवानों के मूवमेंट का अंदाजा रहा होगा। उन्होंने कहा,”छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 250 किमी दूर स्थित बरकोट गांव के जंगल से पेट्रोल पार्टी गुजर रही थी। उसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उन पर दो तरफ से फायर खोल दिया। भारी गोलाबारी के बीच जब बीएसएफ जवानों ने मोर्चा संभाला तो नक्सली घने जंगलों में भाग गए। घटना के बारे में अंतिम सूचना की प्र‍तीक्षा है।