लखनऊ और रांची के मेयर ने एयर क्वालिटी सुधारने का संकल्प लिया

लखनऊ: सेंटर फॉर एन्वॉयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने गंगा के मैदानी इलाकों में गंभीर होते वायु प्रदूषण से निबटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग और सूचनाओं को साझा करने की प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस का मूल विषय था-‘‘सिटीज डॉयलॉग: एयर पॉल्युशन एबेटमेंट एंड रोल ऑफ सिटी एडमिनिस्ट्रेशन’’ (नगर-संवाद: वायु प्रदूषण नियंत्रण और नगर प्रशासन की भूमिका), जिसका मकसद है, वायु प्रदूषण निवारण की कार्ययोजना के लिए विभिन्न राज्यों के नगर-स्तर पर एक प्रभावी और कार्यदक्ष समन्वय व सहयोग शुरू करना। यह सम्मेलन विभिन्न शहरों के अनुभवों को साझा करने और अर्बन प्लानिंग के जरिये वायु प्रदूषण नियंत्रण में स्थानीय प्रशासन की क्षमता के आकलन संबंधी विषय को एक मंच पर लाने का माध्यम बना। इस कॉन्फ्रेंस में माननीया मेयर लखनऊ संयुक्ता भाटिया और माननीय मेयर, रांची आशा लकड़ा की गरिमामयी उपस्थिति रही। इनके अलावा इस बैठक में एन्वॉयरोंमेंटल एक्सपर्ट्स, साइंटिस्ट्स, अकादमिक जगत, मीडियाकर्मी व बुद्धिजीवियों सहित गणमान्यजनों ने भागीदारी की।

इस अवसर पर लखनऊ की मेयर माननीया संयुक्ता भाटिया ने शहरवासियों को आश्वस्त किया कि ‘‘लखनऊ प्रशासन एयर क्वालिटी को सुधारने के लिए ठोस कदम उठायेगा और राज्य के अन्य विभागों जैसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिल कर समयानुरूप एक्शन प्लान पर काम करेगा।’’ उन्होंने आगे बताया कि ‘‘उत्तर प्रदेश की सरकार पहले से ही केंद्र सरकार के साथ मिल कर वायु गुणवत्ता को सततशील ढंग से बेहतर करने के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है।’’ उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण नियंत्रण व एयर क्वालिटी को बेहतर करने हेतु नगरों के बीच संवाद कायम करने की अनूठी पहल शुरू करने के लिए सीड के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और स्पष्ट तौर पर जोर देते हुए कहा कि ‘‘वायु प्रदूषण की समस्या को केवल अधिकाधिक सहयोग व समन्वयकारी उपायों के जरिये ही खत्म किया जा सकता है, क्योंकि वायु प्रदूषण की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती। मैंने वायु प्रदूषण नियंत्रण को अपनी प्राथमिकता सूची में सर्वोपरि रखा है। लेकिन स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने हेतु एक ठोस प्लान बनाने के लिए विश्वसनीय और बेहतर सूचनाओं की प्रणाली पर काम करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं इस कॉन्फ्रेंस में विषय संबंधी चर्चा व विमर्श के बिंदुओं के आलोक में प्रदूषण नियंत्रण के संस्थागत स्वरूप की जरूरत पर काम करने के प्रति प्रतिबद्ध हूं और आशा करती हूं कि इस सम्मलेन के जरिये एक ठोस एक्शन प्लान का प्रस्ताव सामने आयेगा, जिस पर सभी नगर निगम विचार कर तदनुरूप आगे काम करेंगे।’’

अपने संबोधन में वायु गुणवत्ता पर जोर देते हुए रांची की माननीया मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि ‘‘हमारे शहर में भी कई कारणों से वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है और हमें निश्चय ही इस पर तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। यह वाकई चिंताजनक है कि रांची में पिछले दो वर्ष से एयर क्वालिटी की खराब दशा राष्ट्रीय औसत से ऊपर रही है और इसे और गंभीर होने से पहले हमें ठोस कदम उठाना होगा।‘’ उन्होंने विभिन्न शहरों के मेयर्स को एक मंच पर लाने और क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने व समाधान ढूंढ़ने के सीड के प्रयास की सराहना की और कहा कि ‘‘वे शहर के मेयर होने के नाते झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आग्रह करेंगी कि वह अविलंब पूरे राज्य के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार करे।’’

क्षेत्रीय स्तर पर रिजनल एयर पॉल्युशन कंट्रोल प्लान की जरूरत और स्थानीय प्रशासन की मजबूत भूमिका पर बल देते हुए सीड के प्रोग्राम डायरेक्टर अभिषेक प्रताप ने कहा कि ‘‘वायु प्रदूषण निवारण से संबंधित दीर्घकालिक रणनीतियों के निर्माण व क्रियान्वयन के लिए क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग व समन्वय बेहद जरूरी है। अंतर-राज्यीय स्तर पर सरकारों के बीच समुचित समन्वय के साथ अमल में लायी गयी निवारक रणनीतियों से शहरों की भौगोलिक सीमा के दायरे से बाहर फैलनेवाले प्रदूषक तत्वों को रेगुलेट करने में मदद मिलेगी, साथ ही उल्लंघनकर्ताओं संबंधी चूक को भी रोका जा सकेगा। समाधान खोजने की इसी कड़ी में सीड का यह कॉन्फ्रेंस विभिन्न शहरों को एक साझा विजन के साथ एक मंच प्रदान कर रहा है, ताकि स्वच्छ हवा में सांस लेने योग्य रणनीतियों व उपायों को तैयार किया जा सके।’’ उन्होंने लखनऊ व रांची में अर्बन एयर क्वालिटी को बेहतर करने के लिए भौगोलिक योजना, भूमि उपयोग प्रबंधन और अंतर-विभागीय स्तर पर एक एकीकृत कार्ययोजना की आवश्यकता पर विशेष बल देते हुए कहा कि ‘‘हरेक शहर की विशिष्ट परिस्थिति है और एक साझा समस्या है, ऐसे में एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ शहर-केंद्रित हस्तक्षेप एयर क्वालिटी में सुधार को सुनिश्चित करेगा, क्योंकि इसमें नये अभिनव प्रयोगों व उपायों को परिभाषित करने की संभावना है।’’

इस सम्मलेन के तकनीकी सत्रों में विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने एयर क्वालिटी की खराब दशा से उपजते स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभाव, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट सिस्टम से जुड़े ज्वलंत विषयों तथा एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग की खराब स्थिति पर चर्चा की। एक्सपर्ट पैनल ने एयर पॉल्युशन कंट्रोल और सिटी केंद्रित हस्तक्षेप के लिए एक रिजनल एप्रोच का अनुसरण करने पर बल दिया, ताकि एक अत्यावश्यक कार्य के रूप में हमारे देश व समाज की आबोहवा को स्वच्छ व स्वस्थ रखने में सफलता मिल सके।