नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत घोटाले में केस दर्ज किया। सोमवार को सीबीआई ने अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार गिरफ्तार किया। सूत्रों के मुताबिक पीएमओ ने सीबीआई चीफ और स्पेशल डायरेक्टर को समन भेजा है। अस्थाना सीबीआई में नंबर 2 अधिकारी हैं। एफआईआर में खुफिया एजेंसी रॉ के स्पेशल डायरेक्टर सामंत कुमार गोयल का भी नाम है, लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। सीबीआई ने मंगलवार को एफआईआर दायर की गई।

देवेंद्र कुमार मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी थे। उन्हें सतीश सना का बयान दर्ज करने में फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों के अनुसार सना ने मामले में राहत पाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। उन्होंने दावा किया, ऐसा आरोप है कि सना का बयान कथित तौर पर 26 सितंबर 2018 को अस्थाना के नेतृत्व वाली जांच टीम द्वारा दर्ज किया गया। लेकिन सीबीआई जांच में यह बात सामने आई कि वह उस दिन हैदराबाद में था।

सना ने अपने बयान में कथित तौर पर कहा है कि उसने इस साल जून में तेदेपा के राज्यसभा सदस्य सी एम रमेश के साथ अपने मामले पर चर्चा की थी और उन्होंने सीबीआई निदेशक से बातचीत कर सना को आश्वासन दिया था कि उसे फिर से समन नहीं किया जाएगा। सना ने संभवत कहा है, 'जून के बाद से, सीबीआई ने मुझे नहीं बुलाया। मैं यह मान रहा था कि मेरे खिलाफ जांच पूरी हो गई है।'

सीबीआई ने अब आरोप लगाया है कि कुमार ने उसके बयान में हेरफेर किया था कि ताकि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ अस्थाना द्वारा सीवीसी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो सके। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी अस्थाना नीत विशेष जांच दल के अन्य सदस्यों की कथित भूमिका की भी जांच कर रही है। एजेंसी ने एक अभूतपूर्व कदम के तहत अस्थाना के खिलाफ रिश्वत का केस दर्ज किया है। अस्थाना ने 24 अगस्त 2018 को सीबीआई निदेशक वर्मा के खिलाफ शिकायत की थी कि उन्होंने सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी ताकि उसे मामले में राहत दी जा सके।

उधर सीबीआई ने अपने डायरेक्टर आलोक वर्मा का स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के आरोपों से बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण हैं। सीबीआई ने अस्थाना ने खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया है। अस्थाना ने कैबिनेट सचिव और केन्द्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिख कर सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के कम से कम 10 मामलों का जिक्र किया था।

सीबीआई के प्रवक्ता ने देर रात जारी एक बयान में कहा कि सतीश साना के खिलाफ एलओसी जारी होने की जानकारी सीबीआई के डायरेक्टर को नहीं थी, जैसे आरोप सही नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'डीसीबीआई ने 21 मई 2018 को एलओसी जारी करने के प्रस्ताव को देखा और उसे ठीक भी किया था।' उन्होंने कहा कि आरोप कि सीबीआई के निदेशक ने साना की गिरफ्तारी को रोकने का प्रयास किया था, पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण है।