नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर बिकवाली से गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 1,030 अंक गिरकर 34,000 अंक के स्तर से नीचे चला गया। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपया भी 74.45 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया है। इसी प्रकार नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 281.70 अंक यानी 2.69% गिरकर 10,178.70 अंक के नीचे चला गया। शेयर मार्केट के औंधे मुंह गिरने से निवेशकों के 34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए।

ब्रोकरों ने कहा कि अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल के बाद वैश्विक स्तर पर बिकवाली का दौर चला जिसका असर घरेलू शेयर बाजार में देखा गया। इसके अलावा अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध और फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाए जाने की संभावना से भी नई चिंताएं पैदा हुई हैं। इससे भी बाजार प्रभावित हुआ है।

बंबई शेयर बाजार के 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 1,030.40 अंक यानी 2.95% लुढ़कर 33,730.49 अंक पर खुला है। बुधवार को इसमें 461.42 अंक की तेजी देखी गई थी।

अमेरिका के वाल स्ट्रीट में भारी गिरावट का असर एशियाई बाजारों के सुबह के कारोबार पर भी दिखा। इसके चलते जापान, हांगकांग और शंघाई के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। भारत में सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक गिर गया।

अमेरिका के फेडरल रिजर्व की नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की योजना को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'अति उत्साही कार्रवाई करार दिए जाने से वाल स्ट्रीट (अमेरिका का शेयर बाजार) पर भारी उथल-पुथल रही। कल इसमें लगभग 830 अंक की गिरावट रही जो पिछले सात महीनों का सबसे बड़ा नुकसान है।