लखनऊ: -सी.ई.ई.डब्ल्यू (काउंसिल ऑन एनर्जी, एन्वायरन्मेंट एण्‍ड वॉटर) ने आज लखनऊ में ग्राहक निगरानी सुधारने के उद्देश्य से क्षमता निर्माण कार्यशाला-श्रंखला की शुरूआत करते हुए’’उत्तरप्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ता भागीदारी बढ़ाना’’विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की। सीईईडी (सेंटर फॉर एन्वायरन्मेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट) के साथ साझीदारी तथा एसएसईएफ (शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाऊंडेशन) के सहयोग से आयोजित, यह कार्यशाला बिजली दर की मूल बातों, दर निर्धारण प्रक्रिया का आंकलन, तथा उपभोक्ता संरक्षण में विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्काॅम) की भूमिका पर केन्द्रित थी। उत्तरप्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद, उपभोक्ता समन्वय परिषद, महिला समाख्या समेत राज्य के विभिन्न जिलों में जमीनी स्तर पर सक्रिय 35 से अधिक नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भाग लिया।

कार्यशाला में अपना आधार वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए यूपीईआरसी, सदस्य, एस के अग्रवाल ने कहा, ’’ मैं उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में डिस्काॅम स्तर पर उपभोक्ता समस्याओं के निवारण एवं प्रतिनिधित्व में सहायता के लिए सीईईडब्लू और सीईईडी जैसे संगठनों के प्रयासों की प्रशंसा करता हूं। सीईईडब्ल्यू , सीईईडी, और मौजूद अन्य सिविल सोसाइटी संगठनों को डिस्कॉम स्तर पर उपभोक्ता शिकायतों का निवारण करने के लिए अलग अलग जिलो में उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।’’

सीईईडब्ल्यू के रीसर्च फेलो, कार्तिक गणेशन ने कहा, ’’क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की इस श्रंखला का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के बारे में उपभोक्ता की जानकारी बढ़ाना तथा सुधार के लिए उपयुक्त वातावरण निर्मित करना है। हमारे शोध कार्य राज्य के ऊर्जा क्षेत्र की तीन मुख्य समस्याओं पर विचार करेंगे – उत्तरदायी उपभोक्ता आधार निर्मित करना, डिस्काॅम में सांस्थानिक सुधार करने में सक्षम होना, तथा ऊर्जा उपलब्धता का नवीनीकरण तथा खुदरा दर ढांचा का निर्माण’’। हमें आशा है कि हम अपने स्वतंत्र शोध एवं प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने की क्षमता के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र सुधारों में सहयोग करेंगे।’’

सीईईडी के डायरेक्टर-प्रोग्राम्स अभिषेक प्रताप ने कहा, "हमारे देश में बिजली के क्षेत्र में सुधार देखा जा सकता है। उपभोक्ताओं के बीच बिजली आपूर्ति और वितरण सम्बन्धी अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बिजली के क्षेत्र में होने वाले सुधार का एक अभिन्न अंग है। उच्च बिजली दर, बिजली की उचित आपूर्ति की कमी और ज़मीनी स्तर पर शिकायत निवारण के बारे में जानकारी की कमी के बारे में उपभोक्ताओं के बीच चिंता बढ़ रही है। यह वर्कशॉप इस कमी को पूरा करने तथा उपभोक्ताओं के लिए एक सरल संवाद को स्थापित करने का प्रयास है।"