नई दिल्ली: देश के नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज (बुधवार, 03 अक्टूबर, 2018) शपथ ग्रहण करने के घंटे भर के अंदर ही नया रोस्टर जारी कर दिया। अब नए रोस्टर के मुताबिक ही सुप्रीम कोर्ट के जज मुकदमों की सुनवाई करेंगे। नए रोस्टर के मुताबिक चीफ जस्टिस जनहित याचिकाओं (पीआईएल), रिट पिटीशन, सामाजिक न्याय से जुड़े मामलों, चुनाव से संबंधित मामलों और संवैधानिक पदों पर नियुक्ति से जुड़े मुद्दों समेत अन्य बड़े मामलों की सुनवाई खुद करेंगे। उनके अलावा जस्टिस मदन बी लोकुर भी पीआईएल से जुड़े मामलों की सुनवाई करेंगे। चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों को मुकदमे का आवंटन करने का जिम्मा भी अपने पास रखा है। नया रोस्टर आज से प्रभावी हो गया है। इस बदलाव के बाद जस्टिस गोगोई ने जस्टिस दीपक मिश्रा के रोस्टर का अधिकांश हिस्सा जारी रखा है।

बता दें कि 10 महीने पहले यानी इसी साल के शुरुआत में जनवरी के पहले हफ्ते में जस्टिस रंजन गोगोई समेत कुल चार वरिष्ठतम जजों ने तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और केस आवंटन में भेदभाव करने का आरोप लगाया था। प्रेस कॉन्फ्रेन्स करने वालों में जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस (अब रिटायर्ड) जे चेलमेश्वर, जस्टिस एम बी लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ भी थे। इन जजों ने न्यायिक इतिहास में पहली बार किसी चीफ जस्टिस के खिलाफ मोर्चा खोला था। जस्टिस दीपक मिश्रा ने ही सुप्रीम कोर्ट में रोस्टर सिस्टम लागू किया था। उनके रोस्टर के मुताबिक केवल चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली खंडपीठ ही पीआईएल से जुड़े मामलों की सुनवाई कर सकती थी लेकिन जस्टिस गोगोई ने उसका दायरा दूसरे जजों तक भी बढ़ा दिया है। अब जस्टिस एम बी लोकुर की खंडपीठ भी इस मामले की सुनवाई कर सकेगी लेकिन उन्हीं मामलों की वो सुनवाई करेंगे जिसे चीफ जस्टिस उनके पास भेजेंगे। बता दें कि जस्टिस मदन बी लोकुर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम में दूसरे पायदान पर हैं।