नई दिल्ली: भारतीय रिफाइनरियां इस साल सितंबर और अक्टूबर के दौरान ईरान से अपने मासिक क्रूड लोडिंग में कटौती करेंगी. सितंबर और अक्टूबर में भारत की ओर से की जाने वाली कटौती 12 मिलियन बैरेल से कम होगी. अमेरिका ने भारत समेत अन्य देशों को ईरान से पेट्रोल का आयात घटाकर चार नवंबर तक 'शून्य' करने को कहा है. साथ ही स्पष्ट किया है कि इसमें किसी को भी किसी तरह की छूट नहीं दी जायेगी.

सऊदी अरब और इराक के बाद ईरान भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता देश है. अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की थी.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जून में तेल मंत्रालय ने रिफाइनरियों को बताया कि नवंबर के महीने से ईरान से 'शून्य' आयात के लिए तैयार रहें. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह कहा था कि वॉशिंगटन प्रतिबंधों पर छूट देने को लेकर विचार कर सकता है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा सीमित अवधि के लिए ही किया जाएगा.

बता दें ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के लागू होने से जुड़ी अनिश्चितता के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अक्टूबर में ईरान से सामान्य रूप से हर महीने होने वाली 7.5 से 8 लाख टन कच्चे तेल के आयात की बुकिंग करा ली है. हालांकि आगे इसके जारी रहने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.

रॉयटर्स के मुताबिक, भारत ने अप्रैल-अगस्त में ईरान से लगभग 658,000 बैरल तेल प्रति दिन (बीपीडी) लिया था, और सितंबर और अक्टूबर के लिए अनुमानित कटौती इन दो महीनों में दैनिक औसत को लगभग 45 प्रतिशत कम कर के 360,000-370,000 बीपीडी तक कर दिया है.

सूत्रों ने बताया कि रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉर्प, सितंबर और अक्टूबर में प्रत्येक 6 मिलियन बैरल तेल चाहता है, जबकि मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स इन दो महीनों के लिए 3 मिलियन बैरल तेल चाहिए